IISc के स्टार्टअप पैथशोध को कोविड-19 जांच के लिए सरकार से मिली मंजूरी

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) में ‘सोसाइटी फॉर इनोवेशन एंड डवलेपमेंट’ के स्टार्टअप ‘पैथशोध हेल्थकेयर’ ने बुधवार को बताया कि उसे कोविड-19 आईजीएम और आईजीजी एंटीबॉडी के लिए अर्ध-मात्रात्मक विद्युत रासायनिक ‘एलिसा’ जांच के लिए नियामक की मंजूरी मिल गई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

बेंगलुरु: भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में ‘सोसाइटी फॉर इनोवेशन एंड डवलेपमेंट’ के स्टार्टअप ‘पैथशोध हेल्थकेयर’ ने बुधवार को बताया कि उसे कोविड-19 आईजीएम और आईजीजी एंटीबॉडी के लिए अर्ध-मात्रात्मक विद्युत रासायनिक ‘एलिसा’ जांच के लिए नियामक की मंजूरी मिल गई है. ‘पैथशोध’ ने एक बयान में कहा कि उसे केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से बिक्री के लिए जांच किट बनाने का लाइसेंस मिल गया है। उसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के मापदंडों के अनुसार फरीदाबाद स्थित ट्रांसनेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान की मान्यता के बाद यह लाइसेंस मिला.

स्टार्टअप ने बताया कि यह प्रौद्योगिकी ‘सार्स-सीओवी-2 स्पाइक ग्लाइकोप्रोटीन (एस1) के लिए विशिष्ट आईजीएम और आईजीजी एंटीबॉडी की विद्युत रासायनिक रेडॉक्स गतिविधि के मापन पर आधारित है. बयान में बताया गया कि ‘पैथशोध’ तकनीक अमेरिकी और भारतीय पेटेंट के तहत संरक्षित है। यह बाजार में उपलब्ध गुणात्मक रैपिड एंटीबॉडी जांच से अलग है. यह भी पढ़े: How to Register for COVID-19 Vaccine in India Using Co-WIN: कोविन का इस्तेमाल कर कोरोना टीके के लिए ऐसे करें रजिस्टर, सरकार द्वारा संचालित वैक्सीनेशन प्रकिया की यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स

आईआईएससी में सेंटर फॉर नैनो साइंस एंड इंजीनियरिंग में प्रोफेसर और डिविजन ऑफ इन्टर्डिसिप्लनेरी साइसेंस के डीन नवकांत भट ने कहा,‘‘कोविड-19 एंटीबॉडी संकेंद्रन की मात्रा पता करने की क्षमता समय के साथ गिरती एंटीबॉडी प्रतिक्रिया का अनुमान लगाने में अहम होगी और इससे संक्रमण बार-बार होने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ने वाले संभावित असर का भी पता चलेगा.’

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