जरुरी जानकारी | बुनियादी ढांचे को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही आईआईएफसीएल: वित्तीय सेवा सचिव

नयी दिल्ली, छह जनवरी वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की आईआईएफसीएल बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और संस्थान विकसित भारत की आकांक्षा को पूरा करने के लिए अगले तीन साल एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज दे सकता है।

नागराजू ने इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लि. (आईआईएफसीएल) के 20वें स्थापना दिवस के मौके पर कहा कि कंपनी ने 2.8 लाख करोड़ रुपये के कर्ज स्वीकृत किए हैं और 1.4 लाख करोड़ रुपये वितरित किये हैं। इसमें से 50 प्रतिशत पिछले चार-पांच साल में हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगले तीन साल में आपको (आईआईएफसीएल) विकसित भारत की आकांक्षा को पूरा करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज देना चाहिए। आपके पास बहुत जटिल उत्पादों को शुरू करने और देश में बुनियादी ढांचे को वित्तपोषित करने की क्षमता और अनुभव है।’’

उन्होंने आईआईएफसीएल सहित वित्तीय संस्थानों से आग्रह किया कि वे सुरक्षित उत्पादों या पूरी हो चुकी परियोजनाओं से हटकर नई परियोजनाओं पर गौर करें ताकि नई परिसंपत्तियों के सृजन को बढ़ावा मिल सके।

नागराजू ने कहा कि कर्जदाताओं को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा परियोजनाएं बनाने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए और वित्तपोषण के लिए नवोन्मेषी उत्पादों पर भी ध्यान दिया जा सकता है।

उन्होंने जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने और धोखाधड़ी से बचाव की आवश्यकता की जरूरत भी बतायी।

नागराजू ने कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और बैंकों को संसाधनों को एक साथ लाने की भी जरूरत है ताकि वे बड़ी परियोजनाओं को वित्तपोषित कर सकें।

इस मौके पर वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के अतिरिक्त सचिव एम पी तंगिराला ने कहा कि बैंक सहित भारतीय वित्तीय संस्थान पहले से कहीं अधिक मजबूत स्थिति में हैं।

उन्होंने कहा कि वृद्धि को गति देने के नजरिये से बुनियादी ढांचा विकास उत्प्रेरक का काम करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन सहित कई पहल की हैं।

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