मुंबई, 26 नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को कहा कि शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे का राजनीतिक पतन हिंदुत्व के मार्ग से भटकने के बाद शुरू हुआ और अगर वह कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखते हैं तो इससे उनकी स्थिति और खराब होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि ठाकरे वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर हमला जारी रखते हैं तो पार्टी के 20 में से 18 विधायक उनका साथ छोड़ देंगे और उनके पास केवल दो विधायक ही बचेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को संपन्न चुनाव और 23 नवंबर को आए नतीजों के मुताबिक सत्तारूढ़ महायुति ने महाराष्ट्र में सत्ता बरकरार रखी और 288 विधानसभा सीट में से 230 पर कब्जा कर लिया। भाजपा ने 132 सीट जीतीं, एकनाथ शिंदे-नीत शिवसेना ने 57 और अजित पवार-नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकापा)ने 41 सीट जीतीं।
वहीं विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) में शामिल शिवसेना (उबाठा) ने 20 सीट जीतीं, कांग्रेस ने 16 और शरद पवार-नीत राकांपा (एसपी) को 10 सीट मिली।
बावनकुले ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे का पतन तब शुरू हुआ जब वह हिंदुत्व के रास्ते से भटक गए। अगर वह कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखते हैं, तो उनकी राजनीतिक स्थिति और खराब हो जाएगी। वह कांग्रेस से भी बदतर स्थिति में पहुंच जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे लगातार फडणवीस को चुनौती दे रहे थे और दावा कर रहे थे कि उनकी जमानत जब्त हो जाएगी, लेकिन फडणवीस करीब 40,000 मतों से जीत गए हैं। जब भी उद्धव ने उन पर निशाना साधने की कोशिश की, फडणवीस और मजबूत होकर वापस आए, सूरज की तरह चमके। अगर ठाकरे इसी तरह फडणवीस पर हमला करते रहे, तो उनके पास खुद के सिर्फ दो विधायक ही बचेंगे। बाकी 18 विधायक उनका साथ छोड़ देंगे।’’
फडणवीस ने नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट से चुनाव जीता है। उन्हें कुल 1,29,401 वोट मिले और उन्होंने अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी प्रफुल्ल गुडधे को 39,710 वोटों से हराया।
बावनकुले ने कहा, ‘‘ठाकरे द्वारा फडणवीस को निशाना बनाने से शिवसेना (उबाठा) विधायकों में असंतोष बढ़ रहा है, उनमें से कुछ के बारे में माना जाता है कि वे फडणवीस का बहुत सम्मान करते हैं। ठाकरे के अपने विधायकों में फडणवीस के लिए नरम रुख है। वे उनकी पार्टी छोड़ देंगे। फडणवीस एक जन नेता हैं और उनका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है।’’
उन्होंने दावा किया कि ठाकरे के हिंदुत्व से हटने की वजह से उनकी पार्टी लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा दोनों चुनावों में विफल रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एमवीए गठबंधन के भविष्य पर कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन से कोई महापौर या जिला परिषद अध्यक्ष नहीं चुना जाएगा। एमवीए पार्टियां सिकुड़ती रहेंगी। इससे महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में भाजपा का बढ़ता प्रभुत्व और मजबूत होगा।’’
ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन अविभाजित शिवसेना 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे पर भाजपा से अलग हो गई थी और उसने कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।
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