नयी दिल्ली, 18 नवंबर : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन (सीओपी-27) में कहा कि अगर पूरी दुनिया का उत्सर्जन भारत के प्रति व्यक्ति स्तर के समान होता तो कोई जलवायु संकट नहीं होता.
सीओपी-27 के इतर ‘‘छोटे द्वीपीय विकासशील राष्ट्रों (एसआईडीएस) में लचीले बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहन’’ विषय पर आयोजित सत्र में यादव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की छठी आकलन रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि तापमान बढ़ने की जिम्मेदारी कार्बन डाइऑक्साइड के संचयी उत्सर्जन में योगदान के सीधे आनुपातिक है. उन्होंने कहा कि कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन जब भी होते हैं, तापमान बढ़ने में वे समान रूप से योगदान करते हैं. यह भी पढ़ें : भारतीयों का अपना मित्र कहना अमेरिका के लिए गर्व की बात: अमेरिकी सांसद
यादव ने कहा, ‘‘प्रति व्यक्ति उत्सर्जन को ध्यान में रखते हुए तुलनात्मक तौर पर भारत का उत्सर्जन आज भी, वैश्विक औसत का लगभग एक तिहाई है. अगर पूरी दुनिया भारत के समान प्रति व्यक्ति स्तर पर उत्सर्जन करती है तो विज्ञान के मुताबिक कोई जलवायु संकट नहीं होगा.’’ मंत्री ने कहा कि आईपीसीसी रिपोर्ट और अन्य सभी रिपोर्ट भी दिखाती हैं कि भारत उन देशों में शामिल है जहां जलवायु परिवर्तन के प्रति बेहद खतरे हैं इसलिए यह द्वीपीय राष्ट्रों और अन्य की स्थिति के प्रति बहुत मायने रखती है.