नई दिल्ली, 17 अक्टूबर : भाजपा ने सर्दियों के प्रदूषण की शुरुआत के बाद दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखने पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि प्रदूषण से निपटने में केजरीवाल सरकार की विफलता से जनता का ध्यान हटाने के लिए यह नौटंकी की जा रही है और प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे पर भी केजरीवाल सरकार गंदा राजनीतिक खेल, खेल रही है.
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव को लिखा गया पत्र प्रदूषण से निपटने में अरविंद केजरीवाल सरकार के लापरवाह रवैये पर बहुत कुछ कहता है. सर्दियों में प्रदूषण की स्थिति शुरू होने के बाद गोपाल राय द्वारा केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करना चौंकाने वाला है, इससे पता चलता है कि यह पत्र वायु और जल प्रदूषण कारकों से स्थानीय स्तर पर निपटने में केजरीवाल सरकार की विफलता से जनता का ध्यान हटाने के लिए एक नौटंकी है, जैसे धूल से हवा की गुणवत्ता प्रभावित होना और नालों का सीधे तौर पर यमुना में गिरना, इसके अलावा पंजाब की अपनी सहयोगी सरकार को फसल के अवशेष जलाने से रोकने में विफलता, जो अक्टूबर और नवंबर महीनों में प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है. यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने लालू की जमानत रद्द करने की मांग वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई टाली
सचदेवा ने आगे कहा कि गोपाल राय ने अपने पत्र में केवल सीएनजी सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने, एनसीआर में ईंट-भट्ठों और पटाखों पर रोक लगाने से लेकर सभी गैर दिल्ली यातायात को पूर्व - पश्चिम गलियारों में मोड़ने तक 7 बिंदु सूचीबद्ध किए हैं, लेकिन क्या वह बता सकते हैं कि उनके द्वारा उठाया गया कौन सा बिंदु आज सामने आया है ? दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र ने दिल्ली में वायु और जल प्रदूषण को रोकने में दिल्ली सरकार के साथ पूरा सहयोग किया है, लेकिन जब स्थिति पहले से ही खराब होने के बाद राज्य का एक मंत्री केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखता है, तो यह स्पष्ट रूप से गंदे राजनीतिक खेल का मामला है. यह राज्य सरकार की अपनी नाकामी छुपाने की चालें हैं. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि दिल्ली सरकार द्वारा लंबे समय से लंबित रहने के बाद आज दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की बैठक बुलाना, वह भी भाजपा के विरोध के बाद, प्रदूषण पर केजरीवाल सरकार की आपराधिक लापरवाही का एक और सबूत है. आज की बैठक में भी कुछ ठोस नहीं हुआ.