मुंबई, 13 जनवरी एक्सिस बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक अमिताभ चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि अगर जमा वृद्धि दर कमजोर रही तो अगले साल कर्ज देने की रफ्तार घट जाएगी। इस समय ऋण वृद्धि काफी बेहतर है।
चौधरी ने वित्तीय प्रणाली द्वारा कुछ सावधानी बरतने की भी सलाह दी, क्योंकि आज किए गए फैसलों के चलते 5-7 साल कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए।
चौधरी ने यहां बिजनेस टुडे के 'बैंकिंग एंड इकोनॉमिक' सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''... अगर जमा वृद्धि जारी नहीं रहती है, तो हमारा अनुमान है कि अगले साल ऋण वृद्धि कम हो सकती है।''
उन्होंने कहा कि बैंक के अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि जमाओं में कुछ सुधार नहीं हुआ तो ऋण वृद्धि घटकर 12-13 प्रतिशत के आसपास आ जाएगी।
गौरतलब है कि इस समय जमाओं में नौ प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले ऋण वृद्धि दर लगभग 17 प्रतिशत है।
चौधरी ने कहा कि अगले 5-7 साल भारत के लिए बेहतरीन नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ''हमें इस आक्रामकता में ‘बाघ’ की भूमिका निभानी है और जब कोई मौका कुछ जोखिमों के साथ आता है, तो सावधानी के साथ आगे बढ़ना चाहिए।''
उन्होंने संकेत दिया कि उनके नेतृत्व में बैंक अपने प्रतिद्वंद्वी आईसीआईसीआई बैंक को दूसरे स्थान से विस्थापित करना चाहता है और भविष्य में एचडीएफसी बैंक से भी आगे निकलने का लक्ष्य है।
चौधरी ने तीन साल पहले कार्यभार संभालने के दौरान की गई एक टिप्पणी को याद करते हुए आईसीआईसीआई बैंक का नाम लिया और कहा, ''...मैंने कहा था कि मैं नंबर तीन बने रहने के लिए शामिल नहीं हुआ हूं। मैं एक्सिस बैंक को एक अलग स्तर पर ले जाने के लिए इस संस्थान में शामिल हुआ हूं। वर्ना और क्या बात है?''
उन्होंने उच्च ऋण वृद्धि के लिए आधार प्रभाव के अलावा ऋण के पुनर्गठन और दूसरे स्रोतों से बैंक ऋण बदलने को भी जिम्मेदार ठहराया।
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