देश की खबरें | न्यायालय ने पूरे भारत में वाहनों के लिए विभिन्न रंग के स्टिकर अनिवार्य बनाने पर विचार-विमर्श किया

नयी दिल्ली, 15 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को देश भर में वाहनों के लिए ‘होलोग्राम’ पर आधारित विभिन्न रंग के स्टिकर को अनिवार्य बनाने पर विचार-विमर्श किया और प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र मानदंडों के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया।

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में वृद्धि के बीच चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के कठोर चौथे चरण के तहत लगाई जाने वाली पाबंदियों के कार्यान्वयन के बारे में भी पूछा।

मामले में न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहीं वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह को एक नोट तैयार करने का निर्देश देते हुए पीठ ने कहा कि वह मोटर वाहन (उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट) आदेश, 2018 में संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश जारी करेगी।

पीठ ने कहा, “एक नोट तैयार करें और उसके संदर्भ में, हम भारत सरकार को 2018 के आदेश में संशोधन करने के लिए निर्देश जारी करेंगे।”

पीठ ने मामले में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने वालीं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से पूछा कि क्या जीआरएपी-4 लागू है क्योंकि एक्यूआई 480 के करीब पहुंच रहा है।

पीठ ने कहा, “प्रदूषण के स्तर को देखें। यह लगभग 480-490 के करीब पहुंच रहा है।”

भाटी ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया मांगेंगी।

इसके बाद पीठ ने वाहनों के लिए ‘होलोग्राम’ पर आधारित विभिन्न रंग के स्टिकर से संबंधित मुद्दे पर बात की।

न्यायमित्र ने कहा कि जिन राज्यों के इलाके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आते हैं, वहां भी सभी पुराने वाहनों को तीसरा पंजीकरण चिह्न प्रदान नहीं किया गया है और इस संबंध में प्रगति बहुत धीमी है।

पीठ ने कहा, “ये नियम 1 अप्रैल, 2019 से लागू हैं। पहले की अवधि का क्या होगा?”

एक वकील ने कहा कि 1 अप्रैल, 2019 से पहले पंजीकृत वाहनों के लिए भी तीसरा पंजीकरण चिह्न लगाना होगा।

पीठ ने कहा, “बहुत स्पष्टता से हम अपनी बात कहना चाहते हैं। यह आवश्यकता पहली बार 1 अप्रैल, 2019 को पड़ी थी... हम 1 अप्रैल, 2019 से पहले पंजीकृत वाहनों के मालिकों को यह होलोग्राम लगवाने का निर्देश कैसे दें।”

न्यायमित्र ने पीयूसी प्रमाणपत्र मानदंडों का अनुपालन न करने का मुद्दा उठाया।

पीठ ने न्यायमित्र से कहा कि वह अपने नोट में पीयूसी पहलू का भी उल्लेख करें, ताकि मानदंडों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।

अदालत ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकारी एजेंसियों को जहां तक ​​संभव हो इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए कहा जा सकता है।

पीठ ने पराली जलाने समेत प्रदूषण से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सुनवाई के कार्यक्रम पर विचार-विमर्श करते हुए कहा कि वाहनों के लिए होलोग्राम-आधारित विभिन्न रंग के स्टिकर से संबंधित मामले पर 27 जनवरी को विचार किया जाएगा। स्टिकर योजना का सुझाव न्याय मित्र ने दिया गया था ताकि वाहनों की पहचान की जा सके और प्रदूषण स्तर "खराब श्रेणी" में पहुंचने के दिन में खराब गुणवत्ता वाले ईंधन का उपयोग करने वाले वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया जा सके।

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