लुसाने, 21 मई हॉकी इंडिया को देश में खेल की प्रगति और विकास में योगदान के लिए शुक्रवार को प्रतिष्ठित एटिनी ग्लिचिट्च पुरस्कार के लिए चुना गया।
हॉकी की वैश्विक संचालन संस्था अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने हॉकीइनवाइट्स वर्चुअल कांफ्रेंस के दौरान पुरस्कारों की घोषणा की। यह कांफ्रेंस 47वीं एफआईएच कांग्रेस का हिस्सा थी जिसका समापन एफआईएच पुरस्कारों के साथ हुआ।
एफआईएच ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘हॉकी की प्रगति और विकास में शानदार योगदान के लिए मान्यता देते हुए हॉकी इंडिया को एटिनी ग्लिचिट्च पुरस्कार का विजेता घोषित किया जाता है।’’
इन पुरस्कारों के दौरान व्यक्तियों, टीमों और संगठनों को हॉकी के विकास में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
नया बुनियादी ढांचा तैयार करके खेलने के हालात में सुधार और युवा विकास मॉडल लागू करने के लिए उज्बेकिस्तान हॉकी महासंघ को पाब्लो नेग्रे पुरस्कार के लिए चुना गया।
पोलिश हॉकी संघ को थियो इकेमा पुरस्कार के लिए चुना गया। विभिन्न हॉकी विकास परियोजनाओं के जरिए 30 नए प्रशिक्षित कोच तैयार करने और देश में 3000 से अधिक स्कूली बच्चों को खेल से जोड़ने के लिए संघ को यह पुरस्कार दिया गया।
इंग्लैंड के स्ट्राइकर सैम वार्ड को सुपर फेयर प्ले ट्रॉफी रेने जी फ्रेंक दी गई। अंपायरिंग के विकास में अहम भूमिका निभाने के लिए व्यक्तिगत गुस्ट लाथोवर्स मेमोरियल ट्रॉफी के लिए क्रोएशिया के इवोना मकार को चुना गया।
न्यूजीलैंड के शेरोन विलियमसन को न्यूजीलैंड के आकलैंड के नए राष्ट्रीय हॉकी केंद्र में घंटों स्वैच्छिक सेवा के लिए एचआरएच सुल्तान अजलन शाह पुरस्कार के लिए चुना गया।
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