भुवनेश्वर, सात जनवरी ओडिशा सरकार ने कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में ह्यूमेन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण के मामले आने के बीच मंगलवार को राज्य में सभी चिकित्सा सुविधाओं और प्रयोगशालाओं को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मुकेश महालिंग ने भुवनेश्वर में मंगलवार सुबह एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कहा कि देश के कुछ हिस्सों में अब तक एचएमपीवी के कुछ मामले सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि ओडिशा में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
महालिंग ने कहा,‘‘मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य के प्रमुख चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों के अधिकारियों के साथ चर्चा की और उन्हें सतर्क रहने का निर्देश दिया। हम किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।’’
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की एक इकाई और जीवन विज्ञान संस्थान (आईएलएस) जैसे प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थानों को तैयार रहने के लिए कहा गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चूंकि राज्य 8 से 10 जनवरी तक 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है, इसलिए निजी अस्पतालों सहित भुवनेश्वर और कटक के सभी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि जरूरत पड़ने पर वे अंतरराष्ट्रीय मेहमानों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार रहें।
उन्होंने खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों को अस्पतालों में जांच और प्राथमिक उपचार कराने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने अभी तक कोई परामर्श जारी नहीं किया है, लेकिन राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए जाने वाले सभी दिशा-निर्देशों और मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अनुपालन करेगा।
राज्य के जन स्वास्थ्य निदेशक नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि एचएमपीवी के मामले सबसे पहले 2001 में नीदरलैंड में सामने आए थे और पूर्व में भारत के विभिन्न हिस्सों में भी इससे संक्रमण के मामले प्रकाश में आए थे। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे लोगों में जागरूकता बढ़ी है, मीडिया में भी इसकी रिपोर्टिंग हो रही है।
मिश्रा ने कहा, ‘‘ जिन मरीजों में इस वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है उनका विदेश यात्रा का इतिहास नहीं है। इसका अभिप्राय है कि वायरस हमारे देश में था और यह स्वदेशी है।’’
उन्होंने कहा कि अब तक विदेश यात्रा करने वाले किसी भी व्यक्ति में एचएमपीवी से संक्रमण की खबर नहीं है।
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