जरुरी जानकारी | हिन्दुस्तान जिंक ने 1,800 करोड़ लीटर पानी का पुनर्चक्रण किया

हिंदुस्तान जिंक के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने पानी के उपचार, पुनर्चक्रण और फिर से उपयोग करने पर जोर दिया है, ताकि पानी की निकासी को खत्म करके शुद्ध जल पर निर्भरता को काफी हद तक कम किया जा सके।

कंपनी ने विश्व जल दिवस से पहले राजस्थान के विभिन्न जिलों में परिचालन और सामुदायिक स्तर पर चल रही प्रमुख जल प्रबंधन पहलों का अनावरण किया।

कंपनी आने वाले सप्ताह में दुनिया के सबसे बड़े भूमिगत जिंक खनन केंद्र रामपुरा आगुचा में 4,000 किलोलीटर प्रति दिन (केएलडी) क्षमता वाले शून्य तरल निकासी संयंत्र का उद्घाटन करेगी।

हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा, ''हमारा जल प्रबंधन दृष्टिकोण परिचालन दक्षता से आगे बढ़कर समुदायों और उद्योगों, दोनों के लिए दीर्घकालिक जल सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।''

उन्होंने बताया, ''हम स्थायी जल प्रबंधन को अपनाकर औद्योगिक वृद्धि और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को निभाते हुए एक साथ टिकाऊ विकास की ओर अग्रसर है।''

उन्होंने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक ने भीलवाड़ा जिले के आगुचा पंचायत में तालाब जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया है। यह परियोजना गांवों के आसपास की जैव विविधता को बहाल करेगी, पानी की उपलब्धता बढ़ाएगी और लगभग 25,000 लोगों को इससे लाभ होगा।

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