Hijab Controversy: कर्नाटक सरकार ने अदालत में सीएफआई का ब्योरा सौंपा
Hijab Controversy (Photo Credit : Twitter)

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय (High Court) में कहा कि उडुपी (Udupi) में गवर्नमेंट प्री यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज (Government Pre University Girls College) में कुछ अध्यापकों को कथित रूप से धमकी देने को लेकर कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) के कुछ सदस्यों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. सुनवाई शुरू होने पर राज्य के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवाडगी ने उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ से कहा कि प्राथमिकी दर्ज की गयी और उन्होंने सीएफआई से जुड़ा विवरण सीलबंद लिफाफे में पीठ को दे दिया है. Hijab Controversy: कर्नाटक एजी ने हाईकोर्ट में कहा- हिजाब पहनना आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं

मुख्य न्यायाधीश ऋतु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति जे एम खाजी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित की पूर्ण पीठ हिजाब मामले की सुनवाई कर रही है. नवाडगी ने पीठ ने कहा, ‘‘किसी संगठन के विरूद्ध वकील एस एस नगानंद द्वारा रखी गयी बातों के संदर्भ में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

बुधवार को अदालत ने राज्य सरकार से सीएफआई की भूमिका के बारे में जानना चाहा था. एक जनवरी को उडुपी में एक महाविद्यालय की छह छात्राओं ने सीएफआई के एक संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लिया जिसे इस संगठन ने हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने से रोकने के महाविद्यालय प्रशासन के फैसले के विरूद्ध आयोजित किया गया था.

चार दिन पहले इन छात्राओं ने प्राचार्य से हिजाब में कक्षा में जाने देने का अनुरोध किया था लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली थी. प्राचार्य रूद्रे गौड़ा ने कहा था कि तबतक छात्राएं हिजाब पहनकर महाविद्यालय परिसर में आती थीं लेकिन वे उसे हटाने के बाद ही कक्षा में प्रवेश करती थीं.

प्राचार्य ने कहा था, ‘‘संस्थान के पास हिजाब पहनने को लेकर कोई नियम नहीं है क्योंकि पिछले 35 सालों से कोई कक्षा में हिजाब नहीं पहनती थी. जो छात्राएं आयी थीं, उन्हें बाहर से समर्थन प्राप्त था.’’

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