पुणे, 16 नवंबर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शनिवार को पुणे के भोसरी इलाके में एक चुनावी रैली में इस्लामिक विद्वान सज्जाद नोमानी का वीडियो दिखाकर ‘‘वोट जिहाद’’ का मुद्दा उठाया।
फडणवीस ने दावा किया कि कहा जा रहा है कि जो व्यक्ति भाजपा को वोट देता है, उसे बहिष्कृत कर दिया जाना चाहिए। फडणवीस ने कहा, ‘‘अगर ये लोग वोट जिहाद करने की कोशिश कर रहे हैं, अगर वे कह रहे हैं कि वे वोट जिहाद के जरिये सरकार को अस्थिर कर देंगे, तो आपको भी वोटों का धर्मयुद्ध करना होगा।’’
उन्होंने महाविकास आघाडी (एमवीए) पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘अगर ये लोग सपना देखते हैं कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि पर एक समुदाय के वोटों की मदद से सत्ता में आएंगे, तो आपको भी युद्ध के मैदान में आना होगा।’’
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पूछा कि क्या फडणवीस द्वारा किया गया ‘‘वोटों के धर्मयुद्ध’’ का आह्वान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है।
ठाणे जिले के डोंबिवली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले उनसे उनकी पार्टी के चुनावी गान से ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ शब्द हटाने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘फडणवीस ने ‘वोटों के धर्मयुद्ध’ का आह्वान किया है। मैं निर्वाचन आयोग से पूछ रहा हूं कि क्या धर्मयुद्ध आपके आदर्श आचार संहिता के अनुरूप है?
ठाकरे ने यह भी कहा कि आज भाजपा बाहर से आयातित अवसरवादी नेताओं से भरी एक ‘हाइब्रिड’ पार्टी है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा जो अपने कार्यकर्ताओं के बलिदान के कारण आगे बढ़ी, जिन्होंने संगठन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, अब एक हाइब्रिड पार्टी बन गई है। यह पार्टी अवसरवादी राजनीति का अड्डा है।’’
ठाकरे ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी, प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे जैसे भाजपा के कद्दावर नेताओं के दृष्टिकोण को पार्टी के वर्तमान नेतृत्व ने कमजोर कर दिया है।
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