नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर : राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) को निर्देश दिया है कि वह विशेषज्ञों की एक समिति गठित करके यह पता लगाए कि क्या सामान्य खतरनाक अपशिष्ट शोधन, भंडारण और निस्तारण इकाई के पास से बिजली की हाई टेंशन तारों को गुजरने की अनुमति दी जा सकती है. हरित अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को नोटिस जारी किया और उसे एक महीने के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया.
पीठ ने कहा, ‘‘सीपीसीबी विशेषज्ञों की एक समिति गठित कर सकती है और मौजूदा दिशा-निर्देशों तथा नियमों के आधार पर टीएसडीएफ संयंत्र के पास से बिजली के हाई टेंशन तारों को गुजरने की अनुमति दी जा सकती है या नहीं यह तय कर सकती है और उसे तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट ईमेल से भेजनी होगी.’’ हरित अधिकरण ने आठ अक्टूबर को अपने आदेश में आवेदक को निर्देश दिया कि वह अपना पक्ष रखने के लिए दस्तावेज दाखिल करे और सीपीसीबी से कहा कि वह एक सप्ताह के भीतर अनुपालन संबंधी हलफनामा दायर करे. यह भी पढ़ें : विशेषज्ञ पैनल ने दो साल तक के बच्चों के लिए कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने की सिफारिश की
हरित अधिकरण गुजरात इनवायरो प्रोटेक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (प्राइवेट) लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस याचिका में अनुरोध किया गया था कि हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित टीएसडीएफ लैंडफिल्ड के ऊपर से गुजर रही बिजली की हाई ट्रांसमिशन लाइन (तारों) को कम से कम 50 मीटर दूर हटाने का निर्देश दिया जाए.