उच्च न्यायालय ने प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध वाली जैकलीन की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज की उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें उन्होंने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 200 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का आग्रह किया है।

Delhi-High-Court Photo Credits: ANI

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर : दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज की उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें उन्होंने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 200 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का आग्रह किया है. न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने अभिनेत्री की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया और मामले को 29 जनवरी, 2024 को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. याचिका में इस मामले में ईडी द्वारा दायर दूसरे पूरक आरोप पत्र और यहां एक निचली अदालत के समक्ष लंबित संबंधित कार्यवाही को रद्द करने का भी अनुरोध किया गया है.

फर्नांडीज, चंद्रशेखर के खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले में आरोपी हैं. ईडी के वकील ने विचारणीयता के आधार पर याचिका का विरोध करते हुए कहा कि एक विशेष अदालत ने अभियोजन की शिकायत (आरोपपत्र) पर संज्ञान लिया है और कहा कि प्रथम दृष्टया मामले में आगे बढ़ना उचित होगा और संज्ञान आदेश में कोई चुनौती नहीं है. ईडी के वकील ने दलील दी, ‘‘जब विशेष न्यायाधीश द्वारा लिए गए संज्ञान के आदेश को कोई चुनौती नहीं है, तो अभियोजन पक्ष की शिकायत को चुनौती देना स्वीकार्य नहीं है.’’

उन्होंने कहा कि अभिनेत्री ने इन आरोपों का खंडन नहीं किया है कि उन्हें चंद्रशेखर से 7.12 करोड़ रुपये के उपहार मिले और 1.12 करोड़ रुपये के उपहार श्रीलंका में उनकी बहन को पहुंचाए गए. उन्होंने दलील दी कि अपराध की आय प्राप्त करने और उसे अपने पास रखने के आरोप हैं और ये धन शोधन कार्यवाही के लिए पर्याप्त हैं. फर्नांडीज की ओर से पेश हुए वकील ने दलील दी कि याचिका में किए गए अनुरोध मामले में शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही में पारित हर आदेश को निहित करती है और अभियोजन पक्ष की शिकायत के संज्ञान के आदेश का फर्नांडीज से कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा कि मामले में उन्हें आरोपी बनाए जाने से काफी पहले संज्ञान का आदेश पारित किया गया था. फर्नांडीज ने अपनी याचिका में कहा, ‘‘शुरुआत में यह कहा गया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर सबूत साबित करेंगे कि याचिकाकर्ता (फर्नांडीज) सुकेश चंद्रशेखर के दुर्भावनापूर्ण लक्षित हमले का एक निर्दोष शिकार हुई है. इस बात का बिल्कुल भी संकेत नहीं है कि कथित तौर पर गलत तरीके से कमाई गई संपत्ति को सफेद करने में और उसकी मदद करने में याचिकाकर्ता की कोई भागीदारी थी. इसलिए उन पर धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा तीन और चार के तहत अपराध के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है.’’

याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ दायर अभियोजन पक्ष की शिकायत से पुष्टि होती है कि कहीं भी यह आरोप नहीं लगाया गया है कि उन्हें शिकायतकर्ता अदिति सिंह से पैसे वसूलने में आरोपी (चंद्रशेखर) की नापाक गतिविधियों के बारे में जानकारी थी. फर्नांडीज ने कहा कि उन्हें उस अपराध में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में पेश किया गया है जिसमें दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई थी और उन्होंने कहा कि उस मामले में उनका बयान दर्ज किया गया है जिससे उनके पक्ष में अनुकूल निष्कर्ष निकला है.

उन्होंने कहा कि यह इस दलील का समर्थन करता है कि उन्हें चंद्रशेखर और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए विधेय अपराध (जबरन वसूली का मुख्य अपराध) के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. अपनी याचिका में उन्होंने कहा, ‘‘जांच एजेंसी ने याचिकाकर्ता को विधेय अपराध में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में प्रस्तुत किया है, तो यह तर्कसंगत है कि विधेय अपराध के परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाली किसी भी कार्यवाही को रद्द कर दिया जाना चाहिए.’’

इसमें आरोप लगाया गया कि ईडी ने उन्हें धन शोधन मामले में आरोपी बनाते समय पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया है. याचिका में कहा गया है, ‘‘ईडी ने नोरा फतेही (एक अन्य फिल्म अभिनेत्री) को क्लीनचिट दे दी है, जबकि यह रिकॉर्ड पर स्वीकार किया गया तथ्य है कि उनके परिवार के सदस्य को उनके निर्देश पर सुकेश चंद्रशेखर से बीएमडब्ल्यू कार मिली थी.’’ याचिका में कहा गया है कि ईडी एक ही समय में अलग अलग तरह की बातें कर रहा है और समान तथ्यों में फर्नांडीज को आरोपी के रूप में आरोपित किया गया है.

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