मुंबई, 29 अप्रैल बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भाजपा सांसद सुजय विखे पाटिल द्वारा कथित तौर पर नई दिल्ली से अनाधिकारिक एवं ''चुपके'' से रेमडेसिविर टीके खरीदने को लेकर आपत्ति जताई।
साथ ही उल्लेख किया कि कोविड-19 रोधी इस दवा को जरूरतमंदों के बीच समान अनुपात में वितरित किया जाना चाहिए।
सुजय विखे पाटिल पश्चिमी महाराष्ट्र की अहमदनगर सीट से लोकसभा सांसद हैं।
उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने कहा कि विखे पाटिल का यह कदम शायद गरीब एवं जरूरतमंद मरीजों की जान बचा सकता है लेकिन उन्होंने जो रास्ता चुना, वो गलत था और ''यह रॉबिनहुड जैसी परिस्थिति भी नहीं हो सकती।''
अदालत ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच किए जाने की आवश्यकता है। हालांकि, अदालत इस चरण में ऐसा करने से बच रही है क्योंकि उसने सांसद को क्लीनचिट देने के लिए अहमदनगर के जिलाधिकारी को तलब किया है।
न्यायमूर्ति रविंद्र घुगे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, '' एक गलत रास्ते को अपनाना अंतत: अनुचित करार दिया जाता है। रेमडेसिविर टीके का उपयोग एवं वितरण सभी के बीच समान अनुपात में किया जाना चाहिए, ना कि इस तरह।''
अदालत ने कहा, '' हम केवल यह जानना चाहते हैं कि विखे पाटिल ने कैसे अनाधिकारिक एवं चुपके से रेमडेसिविर टीके की शीशियां खरीदीं?''
पीठ चार कृषि विशेषज्ञों द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिल्ली से अवैध तरीके से रेमडेसिविर टीके की 10,000 शीशियां खरीदने और अहमदनगर में वितरित किए जाने के आरोप में पाटिल के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई का अनुरोध किया था।
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