नई दिल्ली, 22 मई: उच्चतम न्यायालय ने वाराणसी संसदीय सीट पर चुनाव के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ नामांकन दाखिल करने वाले सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई चार सप्ताह के लिये स्थगित कर दी. इस जवान का नामांकन पत्र रिटर्निंग अधिकारी ने अस्वीकार कर दिया था. इस निर्णय के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से तेज बहादुर के वकील द्वारा प्रेषित पत्र का अवलोकन किया. इस पत्र में सुनवाई चार सप्ताह के लिये स्थगित करने का अनुरोध किया गया था. पीठ ने कहा कि इस मामले को चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया जाये. इस मामले में मोदी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और सत्यपाल जैन पेश हुए.
तेज बहादुर ने अपनी अपील में मोदी को एक पक्षकार बनाया है. इस अपील में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने पिछले सात छह दिसंबर को उनकी चुनाव याचिका खारिज करते हुये उसके औचित्य पर सवाल उठाया थ. अपील के अनुसार उच्च न्यायलाय ने टिप्पणी की थी कि वह न तो वाराणसी संसदीय क्षेत्र का निवासी हैं और न ही वहां का पंजीकृत मतदाता हैं.
इससे पहले, पिछले साल नौ मई को शीर्ष अदालत ने तेज बहादुर की वह याचिका खारिज कर दी थी जिसमें वाराणसी संसदीय सीट पर उनका नामांकन पत्र अस्वीकार करने के निर्वाचन आयोग के निर्णय को चुनौती दी गयी थी. न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुये कहा था कि उसे इस याचिका पर विचार करने का कोई आधार नजर नहीं आता है.
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