लखनऊ, 15 दिसंबर : उत्तर प्रदेश विधानमंडल के सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र को लेकर रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी दलों से सहयोग मांगा और कहा कि सदन में स्वस्थ चर्चा से प्रदेश का विकास और जनता की समस्याओं का समाधान होता है. उत्तर प्रदेश में सोमवार से शीतकालीन सत्र की कार्यवाही शुरू होगी. दोनों सदनों -- विधानसभा और विधान परिषद का सत्र 16 दिसंबर से 20 दिसंबर तक प्रस्तावित है जिसमें वित्तीय वर्ष 2024-2025 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों की मांगों का प्रस्तुतीकरण हो सकता है.
रविवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की मौजूदगी में हुई बैठक में आदित्यनाथ ने कहा, ''सदन में स्वस्थ चर्चा से प्रदेश का विकास और जनता की समस्याओं का समाधान होता है. हम सभी जनप्रतिनिधि हैं, हमें जनता के मुद्दों, उनकी समस्याओं को लेकर सदन में सुचारू रूप से चर्चा करनी चाहिए.'' मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष ने सदन के कुशल संचालन के लिए सभी दलों का सहयोग मांगा. आदित्यनाथ ने सर्वदलीय बैठक में कहा, ''सदन सार्थक चर्चा का माध्यम होता है. इससे ही प्रदेश के विकास कार्यों को रफ्तार मिलती है. साथ ही समस्याओं का समाधान होता है. सदन के संचालन में किसी प्रकार की बाधा न हो, सभी को इसका ध्यान रखना चाहिये.'' यह भी पढ़ें : विहिप कार्यक्रम में टिप्पणी: उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम के समक्ष पेश हो सकते हैं न्यायमूर्ति शेखर यादव
बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन को ज्यादा से ज्यादा समय तक संचालित किया जाए, इसके लिए सभी का सहयोग जरूरी है. आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास में योगदान देने के लिए सभी दलों के नेताओं को भी प्रयास करने चाहिए. इस अवसर पर वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, निर्बल शोषित हमारा आम दल (निषाद) के अध्यक्ष और राज्य सरकार के मत्स्य मंत्री संजय निषाद, कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना व जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता रघुराज प्रताप सिंह समेत कई प्रमुख लोग मौजूद थे.