चंडीगढ़, 28 दिसंबर केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध करने में हरियाणा के किसान भी शामिल है, जिसने साल के आखिरी महीने में राज्य की सियासत को गर्मा दिया है।
वर्ष 2020 में कृषि कानूनों का विरोध, कोरोना वायरस का प्रकोप और लॉकडाउन के साथ ही हरियाणा में काफी कुछ हुआ है, जिसमें नौकरियों में हरियाणा वासियों को पहले तरजीही देना, कथित“ लव जिहाद“ के खिलाफ कानून एवं पुलिस को लेकर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के बीच रस्साकशी प्रमुख है।
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू होने से कुछ महीने पहले ही विपक्षी कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल ने राज्य में किसानों के मुद्दों को उठाना शुरू कर दिया था।
दोनों दलों ने गेहूं खरीद में कथित कुप्रबंधन के बारे में शिकायत की और नई फसल विविधता योजना की आलोचना की।
जब नए कृषि कानूनों का विरोध तेज हुआ तो इसकी तपिश भाजपा नीत गठबंधन में सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने भी महसूस की। विपक्ष ने नई पार्टी पर सत्ता में बने रहने के लिए किसानों की चिंताओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
जजपा के 10 में से कम से कम आधे विधायकों ने प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में बयान दिए जो गठबंधन के इस आधिकारिक रुख से अलग है कि ये कानून किसानों के भले के लिए हैं।
किसानों ने जजपा नेता एवं उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के निर्वाचन क्षेत्र उचाना में अस्थायी हेलीपेड को भी खोद दिया जहां उनका हेलीकॉप्टर उतरना था।
बहरहाल, चौटाला को मानना पड़ा कि कानून में संशोधन की जरूरत है और कहा कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म किया जाता है तो वह सरकार से इस्तीफा दे देंगे।
इस साल के शुरू में भाजपा-जजपा सरकार एक विधेयक लेकर आई जिसमें निजी क्षेत्र की नौकरियों में राज्य के लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण देना का प्रावधान है। यह आरक्षण 50,000 रुपये प्रति माह से कम वेतन वाली नौकरियों पर लागू होगा।
इसके अलावा, विधानसभा ने एक और विधेयक पारित किया जो ग्रामीण मतदाताओं को यह अधिकार देने का प्रस्ताव करता है कि अगर सरपंच और पंचायत के अन्य सदस्य अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं तो उनका कार्यकाल कम कर दिया जाए। साथ में पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण देने का नया कानून लाया गया।
वहीं, वल्लभगढ़ में 21 वर्षीय कॉलेज छात्रा की हत्या का दृश्य कैमरे में कैद होने के बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने “लव जिहाद“ को रोकने के लिए कानून लाने के वास्ते कड़ी टिप्पणियां की।
इस साल के शुरू में अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और विज के बीच विवाद हो गया। आम तौर पर माना जाता है कि सीआईडी पुलिस विभाग के तहत आती है जो गृह मंत्री के तहत होती है। लेकिन खट्टर ने सीआईडी को अपने अधीन रख लिया था।
इस साल विज कोविड के संभावित टीके “कोवैक्सी“ के परीक्षण के लिए स्वेच्छा से आगे आए। लेकिन टीके की पहली खुराक लगने के कुछ दिनों बाद वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए।
गुड़गांव की 29 वर्षीय महिला राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाली पहली व्यक्ति थी। साल के अंत तक राज्य में संक्रमण के करीब 2.6 लाख मामले हो गए और 2800 लोगों की मौत हो गई।
इस बीमारी से राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, मुख्यमंत्री खट्टर, उपमुख्यमंत्री चौटाला, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता समेत कई राजनीतिक नेता संक्रमित हुए।
सतलुज यमुना संपर्क नहर के मुद्दे पर अगस्त में खट्टर, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा की लेकिन बैठक बेनतीजा रही।
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