रोहतक, 12 जनवरी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को कहा कि बेमौसम बारिश और नहर टूटने से राज्य में बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ है। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार तुरंत विशेष गिरदावरी (राजस्व मूल्यांकन) करवाए, ताकि किसानों को समय पर मुआवजा मिल सके।
रोहतक में संवाददाताओं से मुखातिब हुड्डा ने कहा कि कई गांवों के ऐसे किसानों ने उनसे मुलाकात की, जिनकी फसलों को नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि फसलों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत गंभीर है और उनकी जान कीमती है।
हुड्डा ने कहा, “सरकार को तुरंत अपना अड़ियल रवैया छोड़कर बातचीत शुरू करनी चाहिए और इस गंभीर मामले का जल्द से जल्द समाधान निकालना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की मांगें वाजिब हैं और वे कोई नयी मांग नहीं कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्र पहले ही सैद्धांतिक तौर पर उनकी मांगें मान चुका है और सरकार ने खुद उन्हें एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा किया था।”
हरियाणा में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति से जुड़े एक सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है।
उन्होंने कहा, “जब तक कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार नहीं होगा, राज्य का विकास नहीं हो सकता। बेरोजगारी और खराब कानून-व्यवस्था के कारण नशीले पदार्थों की लत की समस्या पूरे राज्य में फैल गई है। हरियाणा में पंजाब से ज्यादा युवाओं की नशे की लत से मौत की खबर सबके सामने है।”
पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के बयान से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने कहा कि मनोहर लाल खुद “एक्सीडेंटल सीएम” थे।
उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार की अपनी कोई उपलब्धि नहीं है। पार्टी के 10 साल के शासन में हरियाणा प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश और रोजगार के मामले में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।”
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