बठिंडा, 19 अगस्त केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बुधवार को पत्र लिखकर बठिंडा और फरीदकोट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) कोष के कथित गबन की जांच का आग्रह किया।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने तोमर से इस मामले में ‘‘निष्पक्ष जांच’’ के लिए एक केंद्रीय टीम का गठन करने का आग्रह किया।
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उन्होंने दावा किया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) कोष को जाली बिल अपलोड करके दोनों जिलों में ‘‘हड़पा’’ जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मद के तहत सभी भुगतानों को रोक देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद आगे के भुगतान जारी किए जा सकते हैं।
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हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि फरीदकोट में कांग्रेस के एक विधायक और राज्य सरकार के अधिकारियों के कथित संरक्षण के तहत मनरेगा कोष का ‘‘गबन’’ किया जा रहा था।
उन्होंने दावा किया कि सामग्री ऐसी कंपनी से खरीदी गई दिखायी गई जो भौतिक रूप से मौजूद नहीं है और उसके द्वारा किसी भी सामग्री की वास्तव में आपूर्ति किए बिना कंपनी को करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी का स्वामित्व विधायक के निजी सहायकों के पास है। उन्होंने कहा कि सामग्री के आपूर्तिकर्ताओं को पूरा भुगतान अनुमान के आधार पर जारी किया गया जिसका कार्य जमीन पर शुरू नहीं हुआ है।
उन्होंने दावा किया कि जॉब कार्ड अयोग्य लोगों को जारी किया गया है और मृत व्यक्तियों के नाम भी काम करने वालों की सूची में हैं।
हरसिमरत कौर बादल ने आरोप लगाया कि बठिंडा में, कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के ‘‘व्यक्तिगत लाभ’’ के लिए मनरेगा कार्य किए जा रहे हैं।
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