IPL 2024 Retention: नयी दिल्ली, 26 नवंबर भारत के टी20 अंतरराष्ट्रीय कप्तान हार्दिक पंड्या ने 72 घंटे तक चले ‘ड्रामे’ के बाद रविवार को ‘आल कैश ट्रेड ऑफ’ (पूर्ण रूप से नकदी) सौदे के बाद मुंबई इंडियंस में वापसी की. गुजरात टाइटन्स के औपचारिक रूप से सौदा पूरा होने के बाद यह फैसला हुआ. रविवार को शाम पांच बजे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ‘रिटेंशन विंडो’ (खिलाड़ियों को बरकरार रखने का समय) बंद कर दी गई और उस समय गुजरात टाइटन्स ने अपने आईपीएल विजेता कप्तान का नाम इस सूची में शामिल किया हुआ था जिससे सबको हैरानी हुई. यह भी पढ़ें: आईपीएल 2024 के लिए सभी 10 टीमों ने इन खिलाड़ियों को किया रिटेन और रिलीज; यहां देखें पूरी लिस्ट
यह पता चला कि औपचारिक कागजी कार्रवाई अभी तक पूरी नहीं हुई थी जिससे आईपीएल और बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) ‘ट्रांसफर’ सत्र के इस प्रत्याशित कदम के लिए मंजूरी नहीं दी.
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी और आईपीएल संचालन परिषद के सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘‘हां, हार्दिक का ‘ट्रेड ऑफ’ शाम पांच के बाद पूरा हुआ. अब यह सौदा आधिकारिक हो गया है और वह मुंबई इंडियंस के खिलाड़ी हैं। यह तीन पक्षों का ‘ऑल कैश’ सौदा है. मुंबई इंडियंस ने अपने आल राउंडर कैमरन ग्रीन को ‘ऑल कैश’ सौदे में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर को ट्रेड किया है. इसके बाद उनके पास गुजरात टाइटन्स के साथ पूर्ण नकदी सौदा करने और हार्दिक को लेने के लिए जरूरी राशि मौजूद थी.’’
ग्रीन को पिछली नीलामी के दौरान मुंबई इंडियंस ने 17.5 करोड़ रुपये में खरीदा गया था. इसलिए जब तक उनका सौदा नहीं हुआ तब तक मुंबई इंडियंस के पास हार्दिक को खरीदने के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध नहीं थी.
पंड्या को गुजरात टाइटंस ने 2022 की नीलामी में खरीदा था. उनकी कथित फीस 15 करोड़ रुपये थी और उन्होंने लगातार दो फाइनल में टीम का नेतृत्व किया. इसमें से 2022 में उन्होंने टीम को खिताब दिलाया और 2023 में टीम उप विजेता रही.
मुंबई इंडियंस ने भविष्य की योजना को ध्यान में रखते हुए पंड्या को अपने साथ जोड़ा है क्योंकि 2025 में ‘मेगा नीलामी’ होगी और हर फ्रेंचाइजी युवा खिलाड़ियों के साथ एक नई टीम बनाने की कोशिश करेगी.
हालांकि भारतीय वनडे और टेस्ट टीम के कप्तान रोहित शर्मा अब भी टीम की योजना में शामिल हैं और शायद फ्रेंचाइजी के सबसे बड़े ‘आइकन‘ हैं जो टीम को पांच खिताब दिला चुके हैं.
यह देखना दिलचस्प होगा कि अगुआई के संबंध में टीम मालिक और शीर्ष प्रबंधन किस तरह का फैसला करता है.
गुजरात टाइटन्स में दो साल बिताने के बाद पंड्या उसी फ्रेंचाइजी में वापस जाना चाहते थे जहां से उन्होंने नाम कमाया था और सात सत्र खेले थे.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)