Gujarat: ‘हर घर तिरंगा’ के लिए साढ़े पांच लाख बांस की छड़ी बनाने में जुटीं जनजातीय महिलाएं
भारतीय ध्वज (Photo: Pixabay)

तापी (गुजरात), 6 अगस्त : गुजरात के तापी जिले के कुछ जनजातीय गांवों से महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों को केंद्र सरकार के 'हर घर तिरंगा' अभियान के तहत कुल साढ़े पांच लाख बांस की छड़ी तैयार करने के कार्य में शामिल किया गया है. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. तापी जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) दिनेश कपाड़िया ने बताया कि इन एसएचजी को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत यह कार्य दिया गया है और बांस की छड़ी की आपूर्ति लगभग नौ जिलों को की जाएगी, जिन्होंने इसकी मांग की है.

उन्होंने बताया, ''तापी के व्यारा तालुका के लगभग आठ जनजातीय गांवों की महिला एसएचजीएस को अभियान में योगदान देने का यह अवसर दिया गया है.'' कपाड़िया ने कहा, ''सखी मंडली (एसएचजी) की महिला सदस्यों द्वारा तिरंगे के लिए बड़ी संख्या में छड़ी बनाई जा रही है. जब मैं पहली बार इन महिलाओं से मिला और अपना विचार साझा किया, तो उन्होंने लगभग साढ़े पांच लाख बांस की छड़ी बनाने का कार्य बड़े गर्व और उत्साह के साथ स्वीकार किया.'' उन्होंने बताया कि राज्य के आठ से नौ जिलों से 'हर घर तिरंगा' अभियान के लिए छड़ी की मांग की गई है. यह भी पढ़ें : Maharashtra: गैंगरेप के बाद महिला को निर्वस्त्र कर सड़क किनारे फेंका, दिल्ली के मसाज सेंटर में भी सामुहिक दुष्कर्म

कपाड़िया ने बताया, ''अगले दो दिनों के भीतर इन छड़ी की आपूर्ति उन जिलों में की जाएगी जहां से यह मांग आई है. प्रत्येक छड़ी की कीमत चार से पांच रुपये तय की गयी है, इससे महिलाओं को आजीविका कमाने में मदद मिलेगी. इससे भी अधिक, यह एक ऐसा काम है जिसे सदस्यों ने बड़े गर्व के साथ किया है.'' उन्होंने कहा कि एनआरएलएम के लिए राज्य सरकार की कार्यान्वयन एजेंसी, गुजरात 'लाइवलीहुड प्रमोशन' कंपनी (मिशन मंगलम) के माध्यम से कच्चे माल के लिए आठ लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी. डीडीओ ने बताया कि जिला प्राधिकरण ने अभियान के लिए तालुका के गांवों में तिरंगों का वितरण करने के लिए दस अलग-अलग एसएचजी के सदस्यों को शामिल किया है.