अहमदाबाद, 23 नवंबर गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार ऐसे कम से कम सात उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जो पांच या इससे अधिक बार विधायक रह चुके हैं।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ऐसे पांच नेताओं को एक और कार्यकाल के लिए मैदान में उतारकर उन पर विश्वास जताया है, जबकि एक नेता टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए पांच उम्मीदवारों में योगेश पटेल (मांजलपुर सीट), पबुभा माणेक (द्वारका), केशु नकरानी (गरियाधर), पुरुषोत्तम सोलंकी (भावनगर ग्रामीण) और पंकज देसाई (नडियाद) शामिल हैं। उनके अलावा, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के संस्थापक छोटू वसावा और भाजपा द्वारा टिकट से वंचित रखे गए मधु श्रीवास्तव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि ये नेता दशकों से पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ तालमेल स्थापित करने में सफल रहे हैं। उनका कहना है कि जातिगत समीकरण भी उनके पक्ष में हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण उनके नेतृत्व का गुण है।
गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए एक दिसंबर और पांच दिसंबर को मतदान होगा और मतगणना आठ दिसंबर को की जाएगी।
पटेल, वसावा और माणेक सात बार विधानसभा चुनाव जीते हैं और आठवें कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
नकरानी और श्रीवास्तव छह बार चुनाव जीत चुके हैं और सातवीं बार जीत की उम्मीद कर रहे है। देसाई एवं सोलंकी पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं और छठी बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना चाहते हैं।
राजनीतिक विश्लेषक शिरीष काशीकर ने ‘पीटीआई-’ से कहा कि जमीनी स्तर पर काम करने का उनका अनुभव और पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ उनके दशकों पुराने विशेष संबंध उन्हें दूसरों के मुकाबले बढ़त देते हैं।
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