नयी दिल्ली, एक अप्रैल सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर 16,507 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह राशि सरकार के संशोधित अनुमान से कम है।
समाप्त वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान सरकार ने बिक्री पेशकश (ओएफएस) के जरिये 10 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में हिस्सेदारी बेची।
सरकार को कोल इंडिया में हिस्सेदारी बेचने से 4,186 करोड़ रुपये मिले, जबकि एनएचपीसी और एनएलसी इंडिया में शेयर बिक्री से क्रमशः 2,488 करोड़ रुपये और 2,129 करोड़ रुपये मिले।
सरकार ने इरेडा के आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक पेशकश) से 858 करोड़ रुपये जुटाए। इसके अलावा सरकार ने आरवीएनएल, एसजेवीएन, इरकॉन इंटरनेशनल, हुडको में भी शेयर बेचे।
केंद्र सरकार ने बजट में 2023-24 के लिए विनिवेश से 51,000 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान जताया था।
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) की वेबसाइट के अनुसार, 31 मार्च, 2024 के अंत में ओएफएस और कर्मचारियों को शेयर बिक्री के जरिये वित्त वर्ष 2023-24 का वास्तविक संग्रह 16,507.29 करोड़ रुपये था।
सरकार ऐतिहासिक रूप से वित्त वर्ष 2018-19 और 2017-18 को छोड़कर बजट में निर्धारित विनिवेश लक्ष्यों से चूकती रही है।
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