एक सरकारी बयान के अनुसार, गोखले इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकनॉमिक्स (एईआरसी) के हीरक जयंती कार्यक्रम के अवसर पर सिंह ने कहा, ‘‘...केंद्र सरकार किसानों के उत्पादों को दूरदराज के स्थानों तक पहुंचाने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है।’’
मंत्री ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि क्षेत्र का योगदान 18 प्रतिशत है, और सरकार इस क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए कई चीजों पर काम कर रही है।
उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग पर जोर दिया और कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल को रोकने की बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘समय की मांग प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना है, और हमें इसे पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाना होगा।’’
उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को नदी जोड़ो परियोजना के शुभारंभ से किसानों को लाभ मिलेगा। चौहान ने कम पानी में अधिक सिंचाई करने की तकनीक विकसित करने का आह्वान किया।
मंत्री ने कहा कि प्रयोगशाला के काम को खेतों तक पहुंचाने की जरूरत है और शोधकर्ता सिर्फ प्रयोगशाला तक ही सीमित न रहें।
चौहान ने कहा कि इस खाई को पाटने के लिए डीडी किसान चैनल पर 'आधुनिक कृषि चौपाल' नामक एक टेलीविजन कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह एक ऐसा मंच है जहां किसान, शोधकर्ता और वैज्ञानिक एक साथ बैठते हैं और कृषि क्षेत्र की समस्याओं और नए अवसरों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कृषि क्षेत्र से संबंधित जानकारी केवल अंग्रेजी तक सीमित नहीं रहनी चाहिए और इसे विभिन्न ओं में प्रकाशित किया जाना चाहिए ताकि प्रयोगशालाओं और खेत के बीच की दूरी को पाटा जा सके।
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