नई दिल्ली, 2 दिसंबर: प्रदर्शन कर रहे किसानों के नेताओं ने बुधवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) को पत्र लिखकर सरकार से नये कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने और किसानों की एकता को भंग करने के लिए 'विभाजनकारी एजेंडे में नहीं शामिल होने' की मांग की. यह पत्र नये कृषि कानूनों (Farmer Laws) पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए केंद्र और किसान नेताओ के बीच होने वाली अगले दौर की वार्ता से एक दिन पहले आया है.
आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चो को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने पत्र में कहा है, "हम सरकार से किसान आंदोलन के संबंध में किसी भी विभाजनकारी एजेंडे में शामिल नहीं होने की मांग करते हैं क्योंकि यह आंदोलन इस वक्त अपनी मांगों पर एकजुट है. यह कल की बैठक प्रक्रिया से स्पष्ट है."
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "जब तक प्रधानमंत्री जी समस्या का निदान नहीं करेंगे, तब तक किसान दिल्ली छोड़कर नहीं जाएंगे।" #FarmersProtest pic.twitter.com/6kSLUEqjfG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
पत्र के अनुसार नेताओं ने केंद्र से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि विभिन्न किसान संगठनों एवं उनके गठबंधनों के प्रतिनिधि किसान तय करें न कि सरकार तय करे तथा इस आंदोलन के अगुवा ऑल इंडिया गठबंधन को चर्चा में प्रतिनिधित्व मिले.