नयी दिल्ली, 19 सितंबर सरकार ने पोत परिवहन क्षेत्र में निर्यातकों और आयातकों के समक्ष आ रहीं समस्याओं के समाधान के लिए बृहस्पतिवार को बंदरगाहों पर कुछ शुल्क में कटौती और शिपिंग कॉरपोरेशन (एससीआई) द्वारा पांच अतिरिक्त पुराने कंटेनर जहाजों की खरीद की घोषणा की।
ये निर्णय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में यहां आयोजित अंतर-मंत्रालयी बैठक में लिए गए।
यह बैठक निर्यातकों के समक्ष बढ़ती माल ढुलाई लागत, भारतीय बंदरगाहों पर माल ढुलाई में देरी, कंटेनर की कमी और अनुपलब्धता तथा बंदरगाहों पर भीड़भाड़ की समस्या से निपटने के लिए आयोजित की गई थी।
निर्यातक समुदाय और विशेषज्ञों ने पोत परिवहन क्षेत्र के मुद्दों पर चिंता जताई है। इनकी वजह से देश के निर्यात को नुकसान पहुंच रहा है। देश का निर्यात अगस्त में 9.3 प्रतिशत घटा है। चर्चा में शामिल मुद्दों में कंटेनर की कमी, समुद्री माल ढुलाई दर और लागत में वृद्धि, भारतीय बंदरगाहों पर माल ढुलाई में देरी और बंदरगाहों पर जहाजों के रुकने का समय शामिल हैं।
बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए गोयल ने कहा कि बैठक में बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय तथा रेल मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णयों से माल ढुलाई लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी, कंटेनर की उपलब्धता में सुधार आएगा, खाली कंटेनर की समस्या का समाधान होगा, निर्यात खेपों की तेजी से निकासी होगी तथा बंदरगाहों पर भीड़भाड़ कम होगी।
बैठक में यह भी घोषणा की गई कि शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) क्षमता को और बढ़ाने के लिए ‘पांच अतिरिक्त पुराने कंटेनर जहाज खरीदेगा।’’
एससीआई ने घोषणा की कि वे कंटेनर क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करने के लिए कंटेनर जहाज़ों को किराये पर ले रहे हैं, तत्काल आधार पर क्षमता 9,000 टीईयू (20 फुट समान इकाई) तक बढ़ाई जाएगी।
रेलवे बोर्ड और कंटेनर कॉरपोरेशन ने घोषणा की है कि अब खाली कंटेनर को यार्ड में 90 दिन तक बिना किसी शुल्क के रखा जा सकेगा। इससे अधिक समय तक 3,000 रुपये का शुल्क लिया जाता था, जिसे अब आधा करके 1,500 रुपये कर दिया गया है।
इसके अलावा, कंटेनर के लिए भंडारण और रखरखाव दरें 9,000 रुपये से घटाकर 2,000 रुपये (40 फुट कंटेनर के लिए) और 6,000 रुपये से घटाकर 1,000 रुपये (20 फुट कंटेनर के लिए) कर दी जाएंगी।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने घोषणा की है कि बीस फुट के दो कंटेनर की एक साथ जांच करके बंदरगाहों पर सीमा शुल्क निकासी में तेजी लाई जाएगी।
इसके अलावा, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने कहा कि बंदरगाह की क्षमता पहले ही 23 लाख टीईयू तक बढ़ा दी गई है।
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) ने न्हावाशेवा बंदरगाह पर किसी भी तरह की भीड़भाड़ और अड़चन को खत्म करने का आश्वासन दिया।
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