सरकार ने वर्ष 2020-21 में इथेनॉल बनाने के लिए एफसीआई से 78,000 टन चावल का आवंटन किया
धान की खरीद (Photo Credits: Facebook)

नयी दिल्ली, 15 जून: वर्ष 2023 तक ई-20 ईंधन (20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल) बनाने के लिए इथेनॉल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के मकसद से केंद्र ने मंगलवार को कहा कि वह अनाज से भी एथेनॉल के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रहा है और उसने नवंबर को समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में डिस्टलरी कंपनियों को 20 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के 78,000 टन चावल का आवंटन किया है. सरकार ने कहा कि उसने इस वर्ष 14 जनवरी को अधिसूचित सरकार की ब्याज सहायता योजना के तहत अगले तीन वर्षों में अनाज आधारित नयी आसनियों की स्थापना और पुरानी के विस्तार (765 करोड़ लीटर की कुल क्षमता के साथ) के लिए 189 प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है.

वर्ष 2025 तक इथेनॉल डिस्टलरी क्षमता को दोगुना करने पर बड़ा जोर दिया जा रहा है क्योंकि सरकार पेट्रोल के साथ इथेनॉल के सम्मिश्रण के स्तर को वर्तमान 8.5 प्रतिशत से बढ़ा कर 2025 तक 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है. सरकार पहले ही अधिसूचित कर चुकी है कि वह अप्रैल, 2023 तक ई-20 ईंधन उपलब्ध कराएगी. पुणे में तीन स्थानों पर ई-100 ईंधन (शत प्रतिशत ईथेनॉला) ईंधन वितरण करने की एक प्रायोगिक परियोजना हाल ही में शुरू की गई है.

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पेट्रोल में ईथेनॉल मिश्रण (ईबीपी) कार्यक्रम की प्रगति पर मीडिया से बातचीत करते हुए खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि सरकार न केवल गुड़ से बल्कि मक्का और चावल जैसे अनाज से भी इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है. उन्होंने कहा कि चालू वर्ष के लिए, सरकार ने तीन लाख टन की प्रतिबद्धता के मुकाबले इथेनॉल बनाने के लिए 78,000 टन एफसीआई के चावल आवंटित किये हैं.

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई- को अलग से बताया कि इनमें से चार राज्यों पंजाब, हरियाणा, बिहार और मध्य प्रदेश की आठ डिस्टलरी ने एफसीआई के 66,000 टन चावल के लिए अनुबंध किया है, जिससे तीन करोड़ लीटर इथेनॉल का निर्माण किया जाएगा.

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