नयी दिल्ली, 14 जून शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह के दौरान मिलने वाले वैश्विक संकेतकों, देश में कोविड-19 के रुख तथा कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में कुछ शेयर आधारित उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है। वृहद आर्थिक मोर्चे पर थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े सोमवार को आने हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि आगे चलकर बाजार में उतार-चढ़ाव कायम रहेगा। वैश्विक संकेतक, कोरोना वायरस और उसकी वैक्सीन से जुड़े घटनाक्रम बाजार की दिशा तय करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘ इसके अलावा बाजार में कुछ ठहराव रहेगा। अर्थव्यवस्था पुनरोद्धार की राह पर आगे बढ़ी है या नहीं, बाजार इस पर चीजें स्पष्ट होने का इंतजार कर रहा है।’’
इस सप्ताह टाटा मोटर्स, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सिटी यूनियन बैंक, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस और ऑयल इंडिया जैसी बड़े कंपनियों के तिमाही परिणाम आने हैं।
सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा कि प्रमुख सार्वजनिक बैंकों के तिमाही नतीजों का इंतजार है। हालांकि, इनसे बाजार का ‘मूड’ खराब हो सकता है।
बीते सप्ताह बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में 506.35 अंक या 1.47 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों की निगाह रुपये के उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अभी बाजार वैश्विक रुख से दिशा ले रहा है। शेयर विशेष आधारित उतार-चढ़ाव अभी बना रहेगा।’’
अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का दूसरा दौर शुरू होने की चिंता के बीच शुक्रवार को वैश्विक स्तर पर बाजारों में गिरावट रही। इस बीच, बीजिंग में कोविड-19 के कुछ नए मामले सामने आए हैं, जिससे चीन में इस संक्रमण का एक और दौर शुरू होने की आशंका बनी है।
भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 11,929 नए मामले सामने आए हैं। देश में इसके संक्रमित लोगों का आंकड़ा 3.20 लाख से अधिक हो गया है। अब तक यह महामारी 9,000 से अधिक लोगों की जान ले चुकी है।
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