आयदा गेजगिन नाम की लड़की को मंगलवार को एंबुलेंस से ले जाते हुए देखा गया, उसे कंबल ओढ़ाया गया था। उसे निकाले जाने पर राहतकर्मियों ने ताली बजाकर प्रसन्नता जाहिर की और वहां मौजूद लोगों ने ‘ईश्वर महान है’ के नारे लगाए।
गत शुक्रवार को आए शक्तिशाली भूकंप के बाद बच्ची करीब 91 घंटे तक मलबे में दबी रही। मलबे से अब तक 107 लोगों को जिंदा निकाला गया है।
आयदा की मां की इस हादसे में मौत हो गई और बाद में उनका शव मलबे से निकाला गया। आयदा का भाई और पिता भूकंप के समय इमारत में नहीं थे।
बचाव कर्मी नुसरत अक्सॉय ने पत्रकारों को बताया कि जब वे आठ मंजिला इमारत का मलबा हटा रहे थे उन्हें बच्ची के कराहने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने बताया कि बाद में बच्ची बर्तन मांजने वाली मशीन के बगल में संकरे स्थान पर फंसी मिली।
अक्सॉय ने बताया कि बच्ची ठीक है और उसने अपना नाम भी बताया।
उल्लेखनीय है कि इससे एक दिन पहले इजमिर में ही तीन वर्षीय बच्ची और 14 वर्षीय बच्ची को ध्वस्त इमारत के मलबे से जिंदा बचाया गया था।
इस बीच, तुर्की के इस तीसरे सबसे बड़े शहर से राहतकर्मियों द्वारा और शव निकाले जाने के बाद भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 107 हो गई है जबकि 144 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं जिनमें से तीन की हालत गंभीर है।
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने भूकंप की तीव्रता सात मापी थी यद्यपि तुर्की की अन्य एजेंसियों ने इसे कम तीव्रता वाला भूकंप बताया था।
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