हैदराबाद, चार दिसंबर तेलंगाना उच्च न्यायालय ने राज्य के निर्वाचन आयोग के उस परिपत्र पर शुक्रवार को रोक लगा दी जिसमें ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में मानक स्वास्तिक चिह्न के अलावा ''अन्य चिन्ह'' वाले मतपत्रों की गिनती को भी मान्यता दी गई थी।
न्यायमूर्ति अभिषेक रेड्डी ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान आयोग के परिपत्र पर रोक लगाते हुए कहा कि जिन मतपत्रों पर ''भिन्न प्रकार के चिन्ह'' हैं उन्हें अलग रखा जाए तथा अगर उनसे चुनाव नतीजे प्रभावित होने की संभावना हो तो, परिणाम घोषित न किये जाएं।
अदालत ने कहा कि अगर जीत का अंतर विवादित मतपत्रों की संख्या से कम है तो इन्हें नहीं गिना जाए और वार्ड के चुनाव परिणाम घोषित नहीं किए जाएं।
इससे पहले कुछ चुनाव अधिकारियों ने निर्वाचन आयोग से पूछा था कि अगर उन्हें किसी मतपत्र पर स्वास्तिक के निशान के बजाय कोई और निशान मिलता है, तो वे क्या करें।
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इसके बाद निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार रात सर्कुलर जारी कर कहा कि अगर किसी उम्मीदवार को वोट देते वक्त मतदाता की मंशा स्पष्ट है तो उसके मत को वैध माना जाए क्योंकि यह चुनाव अधिकारी की गलती से हुआ है।
इसके बाद एंटनी रेड्डी और के सुरेंदर (जीएचएमसी चुनाव के एक उम्मीदवार) ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करके निर्वाचन आयोग के सर्कुलर को अवैध, मनमाना और चुनावी कानूनों के खिलाफ घोषित करने की अपील की थी।
सूत्रों ने बताया कि सभी निर्वाचन अधिकारियों को उच्च न्यायालय के आदेश के बारे में सूचित कर दिया गया है और वे इसी के अनुरूप काम करेंगे। मामले में 7 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।
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