नयी दिल्ली, 16 मार्च : प्रतिदिन रात में सात से आठ घंटे घंटे सोने वालों की तुलना में पांच घंटे से भी कम सोने वाले लोगों के लिए पैरों की तरफ जाने वाली धमनियों के सिकुड़ जाने या बंद हो जाने के रोग ‘पीएडी’ का खतरा बढ़ जाता है. एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि दुनिया में 20 करोड़ से अधिक लोगों को पीएडी है. इस बीमारी में हृदय से पैरों की ओर रक्त को ले जाने वाली धमनियां सिकुड़ जाती हैं या बंद हो जाती हैं जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है तथा हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है.
इस अध्ययन के लेखक स्वीडेन के कैरालिंस्का इंस्टीट्यूट के शुआई युआन ने कहा,‘‘ हमारा अध्ययन बताता है कि पीएडी का जोखिम घटाने के लिए सात से आठ घंटे सोना अच्छी आदत है. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ रात में अपर्याप्त नींद एवं दिन में झपकी लेने से हृदय धमनी रोग का जोखिम बढ़ जाता है तथा पीएडी जैसे बीमारी धमनियों के बंद हो जाने से होती है.’’ यह भी पढ़ें : Benefits Of Mild Fever: हल्का बुखार भी है फायदेमंद! दवा से भी तेजी से संक्रमण को दूर करने में मददगार, जानें रिसर्च की पूरी डिटेल
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि सोने की समस्या पीएडी रोगियों की सबसे बड़ी शिकायतों में एक है तथा पीएडी पर सोने की आदत के असर के बारे में सीमित आंकड़े हैं तथा यह अध्ययन उसी अंतर को भरने का लक्ष्य है. यह अध्ययन यूरोपीय हर्ट जर्नल ‘ओपेन’में प्रकाशित हुआ है तथा उसमें दो चरणों में 650,000 लोगों को शामिल किया गया था.