नयी दिल्ली, 31 मई: कृषि, विनिर्माण, खनन और निर्माण क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रही. इसके साथ, पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच गई. बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली.
इस वृद्धि के साथ देश की अर्थव्यवस्था 3,300 अरब डॉलर की हो गयी है और उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ साल में 5,000 अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा.
चीन की वृद्धि दर 2023 के पहले तीन महीनों में 4.5 प्रतिशत रही थी.
पीएम मोदी ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए लिखा, '2022-23 की जीडीपी वृद्धि के आंकड़े वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को रेखांकित करते हैं. समग्र आशावाद और मैक्रो-इकोनॉमिक संकेतकों के साथ यह मजबूत प्रदर्शन, हमारी अर्थव्यवस्था के आशाजनक पथ और हमारे लोगों की दृढ़ता का उदाहरण है.’
पीएम मोदी का ट्वीट:
The 2022-23 GDP growth figures underscore the resilience of the Indian economy amidst global challenges. This robust performance along with overall optimism and compelling macro-economic indicators, exemplify the promising trajectory of our economy and the tenacity of our people.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 31, 2023
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही. जबकि इससे पहले, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह 4.5 प्रतिशत और जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.2 प्रतिशत थी.
जीडीपी वृद्धि दर 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही में 13.1 प्रतिशत रही थी. वित्त वर्ष 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में यह चार प्रतिशत रही थी. आंकड़ों के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही. इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में यह 9.1 प्रतिशत थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने फरवरी में जारी दूसरे अग्रिम अनुमान में देश की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने की संभावना जतायी थी. सकल घरेलू उत्पाद देश की सीमा के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को बताता है.
एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में वास्तविक जीडीपी यानी स्थिर मूल्य पर जीडीपी 160.06 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाने का अनुमान है जबकि 2021-22 के लिये पहले संशोधित अनुमान में यह 149.26 लाख करोड़ रुपये था.
बयान के अनुसार, ‘‘वास्तविक (स्थिर मूल्य पर) जीडीपी वृद्धि दर 2022-23 में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो 2021-22 में 9.1 प्रतिशत था.’’ वहीं मौजूदा कीमतों पर जीडीपी बीते वित्त वर्ष में 272.41 लाख करोड़ रुपये (3,300 अरब डॉलर) रहने का अनुमान है जो 2021-22 में 234.71 लाख करोड़ रुपये (2,800 अरब डॉलर) था. यानी वृद्धि दर 2022-23 में 16.1 प्रतिशत रही.
स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 2022-23 की चौथी तिमाही में 43.62 लाख करोड़ रुपये रही जो 2021-22 की चौथी तिमाही में 41.12 लाख करोड़ रुपये थी. यह 6.1 प्रतिशत वृद्धि दर को बताता है.
मौजूदा मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 2022-23 की चौथी तिमाही में 71.82 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की समान तिमाही में 65.05 लाख करोड़ रुपये थी. यह 10.4 प्रतिशत वृद्धि को बताता है.
मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वृद्धि सात प्रतिशत रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 8.8 प्रतिशत थी. विनिर्माण क्षेत्र में जीवीए वृद्धि दर मार्च 2023 को समाप्त तिमाही में बढ़कर 4.5 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 0.6 प्रतिशत थी.
खनन क्षेत्र में जीवीए वृद्धि दर मार्च 2023 को समाप्त चौथी तिमाही में 4.3 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 2.3 प्रतिशत थी. निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर इस दौरान 10.4 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 2021-22 की इसी तिमाही में 4.9 प्रतिशत थी. कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर इस दौरान 5.5 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 4.1 प्रतिशत थी.
बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य जन केंद्रित सेवाओं की वृद्धि दर चौथी तिमाही में 6.9 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 2021-22 की इसी तिमाही में 6.7 प्रतिशत थी. सेवा क्षेत्र...व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़ी सेवाओं...में जीवीए वृद्धि दर चौथी तिमाही में 9.1 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में पांच प्रतिशत थी.
वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर मार्च 2023 को समाप्त तिमाही में 7.1 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 5.7 प्रतिशत थी. लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि दर चौथी तिमाही में 3.1 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 5.2 प्रतिशत थी. आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय आय की गणना के समय विसंगति 2022-23 में 3,80,964 करोड़ रुपये रही जो पिछले वित्त वर्ष में 4,47,182 करोड़ रुपये से कम है.
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