कोलकाता, 27 फरवरी पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का कहना है कि अपने काम से जुड़ी भारी उम्मीदों को देखते हुए लंबे समय तक खराब प्रदर्शन के कारण लोकेश राहुल के लिए तीखी आलोचना से बचना मुश्किल होगा, विशेषकर जब पूर्व क्रिकेटरों ने उच्च मानक स्थापित किए हों. उपकप्तानी से हटाए गए राहुल अपनी पिछली 10 टेस्ट पारियों में 25 रन के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाए हैं. उन्होंने 47 टेस्ट में 35 से कम के औसत से रन बनाए हैं तो उनकी क्षमता की वास्तविक झलक पेश नहीं करता. यह भी पढ़ें: स्टार्क ने कहा, अब भी शत प्रतिशत फिट नहीं लेकिन तीसरे टेस्ट में खेलने के लिए तैयार
दिल्ली कैपिटल्स के आईपीएल सत्र पूर्व शिविर से इतर गांगुली ने पीटीआई को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘जब आप भारत में रन नहीं बनाते हैं तो निश्चित रूप से आपकी आलोचना होगी. लोकेश राहुल अकेले नहीं हैं. अतीत में भी कई खिलाड़ियों को इस स्थिति का सामना करना पड़ा है.’’
भारत के लिए 113 टेस्ट और 311 वनडे खेलने वाले गांगुली ने कहा, ‘‘खिलाड़ियों पर बहुत दबाव होता है और उन पर बहुत ध्यान दिया जाता है. टीम प्रबंधन को लगता है कि वह टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। अंत में महत्वपूर्ण यह है कि कोच और कप्तान क्या सोचते हैं.’’
राहुल ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में कुछ बेहतरीन पारियां खेली हैं लेकिन गांगुली ने कहा कि यह स्पष्ट है कि लोग राहुल जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी से अधिक उम्मीद करते हैं जिन्होंने नौ वर्षों में सिर्फ पांच टेस्ट शतक बनाए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘उसने प्रदर्शन किया है लेकिन निश्चित रूप से आप भारत के लिए खेलने वाले शीर्ष क्रम के बल्लेबाज से कहीं अधिक उम्मीद करते हैं क्योंकि दूसरों द्वारा निर्धारित मानक बहुत ऊंचे हैं.’’
गांगुली ने कहा, ‘‘जब आप कुछ समय के लिए असफल होते हैं तो बेशक आलोचना होगी. मुझे यकीन है कि राहुल में क्षमता है और मुझे यकीन है कि जब उन्हें अधिक अवसर मिलेंगे तो उन्हें रन बनाने के तरीके खोजने होंगे.’’
राहुल की समस्या तकनीकी है या मानसिक? यह पूछने जाने पर गांगुली ने कहा, ‘‘दोनों.’’
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष ने राहुल के रन नहीं बना पाने के बारे में दिलचस्प जानकारी दी क्योंकि वह हाल के दिनों में सभी तरह की परिस्थितियों में तेज गेंदबाजों के साथ-साथ स्पिनरों के खिलाफ भी आउट हो रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप इस तरह की पिचों पर खेल रहे हैं तो यह और भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि गेंद टर्न होने के साथ उछाल भी ले रही है। असमान उछाल है और जब आप फॉर्म में नहीं होते हैं तो यह और भी कठिन हो जाता है.’’
शुभमन गिल को अंतिम एकादश में शामिल करने की मांग हो रही है लेकिन गांगुली को लगता है कि पंजाब के इस खिलाड़ी को मौके मिलेंगे और अगर उन्हें थोड़ा इंतजार करना पड़े तो कोई नुकसान नहीं है.
शुभमन बेहतरीन फॉर्म में होने के बावजूद अंतिम एकादश में जगह नहीं बना पा रहे हैं। गांगुली ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि जब उसका समय आएगा तो उसे भी बहुत सारे मौके मिलेंगे. मुझे लगता है कि चयनकर्ता, कप्तान और कोच उसके बारे में सोचते हैं और उसे बहुत उच्च दर्जा देते हैं. यही कारण है कि वह एकदिवसीय और टी20 खेल रहा है और उसने प्रदर्शन भी किया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इस समय शायद टीम प्रबंधन का संदेश है कि उसे इंतजार करना होगा.’’
भारत ने दोनों टेस्ट में जीत हासिल की है लेकिन कप्तान रोहित शर्मा को छोड़कर शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने अर्धशतक नहीं बनाया है.
क्या स्पिनरों के खिलाफ बल्लेबाज दबदबा नहीं बना पा रहे, गांगुली ने कहा, ‘‘मुझे ऐसा नहीं लगता. ये बहुत कड़े विकेट हैं। मैंने पहले दो टेस्ट में देखा और यह आसान नहीं है। अश्विन, जडेजा, लियोन और नए खिलाड़ी टॉड मर्फी को खेलना, यह कभी भी आसान नहीं होता क्योंकि कुछ गेंद काफी टर्न करती हैं। यहां असमान उछाल है, स्पिनरों को काफी मदद मिल रही है.’’
भारत ने शुरुआती दो टेस्ट कुल मिलाकर पांच दिन के अंदर जीते और गांगुली इससे हैरान नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत अपने देश में अलग टीम है। वे हर जगह काफी अच्छी टीम हैं लेकिन भारत में उन्हें हराना काफी कठिन है। जब गेंद स्पिन लेने लगती है तो वे किसी भी अन्य टीम से बेहतर हैं.’’
क्या 4-0 से जीत भारत के लिए वास्तविक संभावना है?, गांगुली ने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगता है। मुझे नहीं पता कि ऑस्ट्रेलिया इसे कैसे रोक सकता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘समस्या यह है कि हम इस ऑस्ट्रेलियाई टीम की अतीत की टीमों से तुलना करते रहते हैं और यह समान नहीं है. आपके पास मैथ्यू हेडन, जस्टिन लैंगर, रिकी पोंटिंग, स्टीव और मार्क वॉ, (एडम) गिलक्रिस्ट नहीं हैं. आपके पास उस स्तर के खिलाड़ी नहीं हैं.’’
गांगुली ने कहा, ‘‘स्टीव स्मिथ एक शानदार खिलाड़ी हैं। (डेविड) वार्नर लय हासिल नहीं कर पाया है, (मार्नस) लाबुशेन एक अच्छे खिलाड़ी हैं लेकिन ये उनके लिए भी कठिन परिस्थितियां हैं.’’
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘हम ऑस्ट्रेलियाई टीमों के साथ यह गलती करते हैं कि हमें लगता है कि वे स्टीव वॉ की ऑस्ट्रेलियाई टीम है लेकिन ऐसा नहीं है. अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग खिलाड़ियों की अलग-अलग परीक्षा होती है.’’
आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के क्रिकेट निदेशक गांगुली के लिए सबसे कठिन चुनौतियों में से एक ऋषभ पंत की जगह भरना है जो हाल ही में एक भयानक दुर्घटना में चोटिल होने और फिर सर्जरी के बाद उपलब्ध नहीं हैं.
गांगुली ने कहा, ‘‘मैंने उनसे कई बार बात की. जाहिर तौर पर वह चोटों और सर्जरी के बाद कठिन दौर से गुजर रहे हैं और मैं उनके अच्छे होने की कामना करता हूं. एक साल में या कुछ वर्षों में हो सकता है कि वह भारत के लिए दोबारा खेले.’’
क्या वह पंत को आईपीएल के दौरान कुछ समय टीम के साथ देखना पसंद करेंगे जिससे उनके उबरने में भी मदद मिल सके. गांगुली ने कहा, ‘‘पता नहीं. हम देखेंगे.’’
दिल्ली की टीम ने अब तक पंत के विकल्प की घोषणा नहीं की है और गांगुली अभी तक फैसला नहीं कर पाए हैं कि युवा अभिषेक पोरेल और अनुभवी शेल्डन जैकसन के बीच बेहतर कौन है.
डेविड वार्नर को टीम की कमान सौंपे जाने की संभावना है जबकि अक्षर पटेल इस सत्र में उप कप्तान होंगे.
गांगुली के मार्गदर्शन में कोलकाता में तीन दिवसीय शिविर का आयोजन हुआ जिसमें पृथ्वी साव, इशांत शर्मा, चेतन सकारिया, मनीष पांडे के अलावा अन्य घरेलू खिलाड़ियों ने भाग लिया.
उन्होंने कहा, ‘‘आईपीएल अभी एक महीने दूर है और सत्र अभी शुरू हुआ है. जितना क्रिकेट वे खेलते हैं उसे देखते हुए सभी खिलाड़ियों को एक साथ लाना मुश्किल है. चार या पांच खिलाड़ी ईरानी ट्रॉफी खेल रहे हैं. सरफराज की अंगुली में चोट लगी है। उनकी अंगुली में फ्रेक्चर नहीं है. उसे आईपीएल के लिए ठीक हो जाना चाहिए.’’
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