नयी दिल्ली, 24 अप्रैल भारत की विश्व कप जीत के सूत्रधारों में रहे पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने अपनी घरेलू सहायिका का अंतिम संस्कार किया चूंकि कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के कारण उसका पार्थिव शरीर ओडिशा नहीं पहुंचाया जा सका ।
भाजपा के लोकसभा सांसद गंभीर ने ट्विटर पर अपने घर में काम करने वाली सरस्वती पात्रा को श्रृद्धांजलि दी । वह पिछले छह साल से उनके घर पर काम कर रही थी ।
उन्होंने ट्वीट किया ,‘‘ मेरे बच्चों की देखभाल करने वाली घरेलू सहायिका नहीं हो सकती । वह परिवार का हिस्सा थीं । उनका अंतिम संस्कार करना मेरा फर्ज था ।’’
भारत के लिये 2004 से 2016 के बीच टेस्ट खेल चुके गंभीर ने कहा ,‘‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि व्यक्ति किसी भी जाति, धर्म, वर्ग, सामाजिक दर्जे का हो, सम्मान का हकदार है । इसी से हम बेहतर समाज और देश बना सकते हैं । ओम शांति ।’’
मीडिया रपटों के अनुसार ओडिशा की 49 वर्षीय पात्रा जाजपुर जिले की थी । वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप से जूझ रही थी और उन्हें कुछ दिन पहले ही गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने 21 अप्रैल को दम तोड़ा ।
केंद्रीय पेट्रोलियम और इस्पात मंत्री धमेंद्र प्रधान ने गंभीर की तारीफ की । ओडिशा के रहने वाले प्रधान ने कहा कि गंभीर के इस नेक काम से उन लाखों गरीबों के मन में इंसानियत पर विश्वास गहरा हो जायेगा जो आजीविका कमाने के लिये घर से दूर रहते हैं ।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)