जयपुर, 19 मई : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस के हालिया नव संकल्प चिंतन शिविर से डरी भारतीय जनता पार्टी अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक जयपुर में कर रही है. भाजपा की यह तीन दिवसीय बैठक बृहस्पतिवार शाम यहां शुरू हो रही है. गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, “जैसे ही उदयपुर में हमारे चिंतन शिविर की घोषणा हुई, साथ-साथ में इनका चिंतन शिविर आ गया जयपुर के अंदर, इतने घबराए हुए लोग हैं ये. ये घबराहट का नतीजा है कि आज ये कुनबा (भाजपा का) इकट्ठा हो रहा है.” कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर हाल ही में उदयपुर में संपन्न हुआ था.
गहलोत ने इसके साथ ही विश्वास जताया कि राज्य की जनता एक बार फिर कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर उसे सत्ता सौंपेगी. भाजपा पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा, “मैं बार-बार बोलता हूं कि देश किस दिशा में जा रहा है, किस दिशा में जाएगा, ये किसी को नहीं मालूम है क्योंकि जो लोग सत्ता में बैठे हुए हैं, इनको जनता का भय नहीं है. वो हिंदू धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. इनको ये घमंड आ गया है कि सब हिंदू हमारे साथ में हैं, कौन हमारा क्या बिगाड़ लेगा?” मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “इनको लोगों की परवाह नहीं, ये लोकतंत्र के लिए खतरा है. ये आम जनता को समझना पड़ेगा कि हिंदुत्व के नाम पर आपको जो भ्रमित कर रहे हैं, ये देशवासियों के लिए उल्टा पड़ेगा. ये जनहित में नहीं है, आम लोगों के हित में नहीं है, ये समझना पड़ेगा.”
गहलोत ने राज्य के करौली में दो अप्रैल को हुई हिंसा को पूर्व नियोजित करार देते हुए कहा कि ये लोग राज्य की कांग्रेस सरकार को बदनाम करने का एजेंडा लेकर चल रहे हैं. गहलोत ने कहा, “करौली में एक घंटे में दुकानें जला दी गईं क्योंकि योजनाबद्ध तरीके से वो काम हुआ था. भाजपा के बड़े नेता मुख्य आरोपी हैं वहां पर, परंतु 20 दिन तक देशभर में करौली-करौली चलता रहा क्योंकि इनके एजेंडा में है कि राज्य में चुनाव आ रहे हैं, उनको (सरकार को) बदनाम कैसे करो? ये इनका एजेंडा है.” उन्होंने दोहराया कि जनता का ध्यान महंगाई और बेरोजगारी के असली मुद्दों से भटकाया जा रहा है. गहलोत ने यह भी कहा कि अपराधों में वृद्धि, पेपर लीक की घटनाएं आदि बेरोजगारी का परिणाम हैं और युवाओं को रोजगार प्रदान करना केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की जिम्मेदारी है. यह भी पढ़ें : 10 में 8 यौन उत्पीड़न पीड़ितों को विरोध का सामना करना पड़ता है- रिपोर्ट
इससे पहले गहलोत ने देश में बढ़ती महंगाई को लेकर भी बुधवार रात केंद्र पर निशाना साधा था. गहलोत ने ट्वीट किया, “देश में थोक महंगाई दर 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड पर पहुंच गई है. पिछले एक साल से थोक महंगाई दर 10 प्रतिशत से अधिक है. महंगाई ने आमजन का जीवन मुश्किल कर दिया है परन्तु राजग सरकार धर्म, जाति के नाम पर आपस में तनाव बनाए रखना चाहती है जिससे महंगाई और बेरोजगारी पर कोई चर्चा ना हो सके.” गहलोत के अनुसार, “ऐसा लगता है कि केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियां विफल हो चुकी हैं एवं इनके पास महंगाई को काबू करने की कोई योजना नहीं है. प्रधानमंत्री व राजग सरकार को देश का ध्यान मंदिर-मस्जिद के मुद्दों पर भटकाने की बजाय अपना ध्यान बेरोजगारी की समस्या को हल करने एवं महंगाई पर काबू पाने पर लगाना चाहिए.”