गुवाहाटी, 31 दिसंबर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बताया कि कछार जिले के चार गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित किया गया है।
उन्होंने कहा कि बालिकाओं के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने वाली योजनाओं ने इस उपलब्धि को हासिल करने में मदद की है।
शर्मा ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “असम ने बाल विवाह के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हम पूरे राज्य में इस सामाजिक बुराई के ताबूत में आखिरी कील ठोक रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हाल ही में कछार के चार गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित किया गया है, जिससे हमारी लड़कियों का भविष्य उज्ज्वल होगा।”
पालोंघाट विकास खंड के अंतर्गत रुकनी भाग-चार, कलैन विकास खंड के अंतर्गत भैरबपुर भाग -एक और तपंग विकास खंड के अंतर्गत रोजकैंडी ग्रांट एक और रोजकैंडी ग्रांट दो को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पहल के तहत बाल विवाह मुक्त घोषित किया गया है।
शर्मा ने कहा कि निजुत मोइना योजना और असम अनिवार्य मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण अधिनियम, 2024 जैसी योजनाओं ने इस सामाजिक बुराई के उन्मूलन को आगे बढ़ाने में मदद की है।
पुलिस विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया था कि पिछले वर्ष से बाल विवाह पर कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन विशेष अभियानों के तहत 5,348 मामले दर्ज कर 5,842 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि इस महीने की शुरुआत में एक नये अभियान के तहत राज्य भर में 345 मामले दर्ज कर 431 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
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