उनका अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को बीकानेर में होगा। सुराणा के दो बेटे ओर एक बेटी हैं।
उनके पुत्र जितेंद्र सुराणा ने बताया कि वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे और बुधवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
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सुराणा ने डूंगर कॉलेज के अध्यक्ष पद पर चुनाव जीतकर अपने राजनीति जीवन की शुरुआत की थी। वह राजस्थान के वित्त मंत्री और वित्त आयोग के अध्यक्ष भी रहे। वह साल 1977 में जनता पार्टी से लूणकरनसर सीट से पहली बार विधायक बने। इसके बाद 1985 में विधायक बने।
सुराणा ने इसके बाद मूल जनता दल को छोड़ते हुए जनता दल प्रगतिशील का गठन किया। बाद में इस पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया गया।
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उन्होंने बताया कि 1977 से 1980 तक भैरोंसिंह शेखावत के मुख्यमंत्री काल में सुराणा राजस्थान के वित्त मंत्री रहे थे।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई नेताओं ने सुराणा के निधन पर शोक जताते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
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