कोलकाता/गुवाहाटी: असम (Assam) से कांग्रेस (Congress) की पूर्व सांसद सुष्मिता देव (Sushmita Dev) सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गई. कांग्रेस छोड़ने के तुरंत बाद देव पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ( Abhishek Banerjee) की उपस्थिति में यहां तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गईं. देव कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और उसकी महिला शाखा की प्रमुख थीं. पूर्व सांसद और महिला कांग्रेस प्रमुख सुष्मिता देव ने 30 साल बाद पार्टी को कहा अलविदा, BJP बोली- वह हमारे संपर्क में नहीं
तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी में शामिल होने के लिए पूर्व सांसद का स्वागत किया. तृणमूल कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘हम अपने तृणमूल परिवार में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सुष्मिता देव का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं! ममता शासन से प्रेरित होकर, वह आज हमारे राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक और राज्यसभा में संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन की उपस्थिति में हमारे साथ जुड़ी हैं.’’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को रविवार को अपना इस्तीफा भेजने वाली देव ने पार्टी छोड़ने का कोई कारण नहीं बताया है. गांधी को लिखे अपने पत्र में, देव ने कहा कि वह ‘‘सार्वजनिक सेवा के अपने जीवन में एक नया अध्याय’’ शुरू कर रही हैं.
वह दिन में पहले यहां तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के कार्यालय गई थीं. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘देव ने आज अभिषेक बनर्जी से उनके कामाक स्ट्रीट कार्यालय में मुलाकात की और दो वरिष्ठ पदाधिकारियों की मौजूदगी में उनके साथ बैठक की. वह आज नबान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात कर सकती हैं.’’
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि देव के दोपहर बाद नबान्न में पार्टी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने की संभावना है. इस बीच, असम प्रदेश कांग्रेस समिति (एपीसीसी) के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने गुवाहाटी में संवाददाताओं से कहा कि पूर्व सांसद को इसलिए पार्टी छोड़नी पड़ी क्योंकि ‘‘वह अवसादग्रस्त हैं.’’
बोरा ने कहा कि देव को पार्टी आलाकमान ने ‘‘पर्याप्त महत्व’’ दिया और उनके पार्टी छोड़ने का कोई ‘‘राजनीतिक कारण’’ नहीं हो सकता है.
उन्होंने दावा किया, ‘‘उनका इस्तीफा अवसाद की निशानी है. कोई नहीं समझ सकता कि हार का किसी व्यक्ति पर कितना असर पड़ता है, अगर उसने सुष्मिता को नहीं देखा है. संभवत: सिलचर में पार्टी का फिर से जनाधार बनाने का उनमें आत्मविश्वास नहीं है.’’
देव 2019 के लोकसभा चुनावों में सिलचर सीट पर भाजपा के राजदीप राय से हार गई थीं. यह पूछने पर कि क्या उनके जाने से कांग्रेस को झटका लगेगा तो पार्टी की असम इकाई के प्रमुख ने कहा, ‘‘जब परिवार का कोई सदस्य जाता है, तो अच्छा नहीं लगता है...हमें उनकी तरह और नेताओं के खोजने पर काम करना होगा.’’
देव ने पत्र में पार्टी छोड़ने का कोई कारण नहीं बताया. कांग्रेस ने कहा कि उनका कोई पत्र नहीं मिला है, लेकिन उन्हें शुभकामनाएं दी हैं. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उन्होंने और पार्टी के अन्य नेताओं ने उनसे संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनका फोन बंद है.
उनके इस्तीफा के बारे में पूछे जाने पर सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उनसे बात नहीं कर पा रहा हूं क्योंकि सुष्मिता जी का फोन बंद है. वह प्रतिभाशाली और सक्षम हैं. सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी ने हमेशा उनकी प्रशंसा की है.’’
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि पार्टी ‘‘आंख बंद कर’’ आगे बढ़ रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘सुष्मिता देव ने हमारी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.पार्टी आंख बंद कर आगे बढ़ रही है.’’
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