जम्मू, सात अक्टूबर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाने वाले पांच सदस्य केंद्र शासित प्रदेश में सरकार गठन में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह जानकारी सूत्रों ने सोमवार को दी।
कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सरकार गठन से पहले पांच सदस्यों को मनोनीत किए जाने का विरोध किया और उच्चतम न्यायालय जाने की धमकी दी है।
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को अगस्त 2019 में निरस्त कर दिया गया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 और 2023 में इसमें किए गए संशोधन के तहत उपराज्यपाल कुल पांच सदस्यों को विधानसभा में मनोनीत कर सकते हैं जिनके पास अन्य विधायकों के समान शक्तियां और मतदान का अधिकार होगा। उपराज्यपाल दो महिला सदस्यों, विस्थापित कश्मीरी समुदाय की एक महिला समेत दो सदस्यों तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के विस्थापित समुदाय के एक सदस्य को विधानसभा में मनोनीत कर सकते हैं।
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन से पहले पांच विधायकों को मनोनीत करने पर पहले ही कड़ा विरोध जताया है और ऐसे किसी भी कदम को लोकतंत्र और संविधान के मूल सिद्धांतों पर हमला बताया है।
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने शुक्रवार को कहा, “ हम जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन से पहले उपराज्यपाल द्वारा पांच विधायकों को मनोनीत करने का विरोध करते हैं। ऐसा कोई estLY&utm_source=Koo&utm_campaign=Social', 650, 420);" title="Share on Koo">