कोलंबो, 21 अप्रैल श्रीलंका में ईस्टर पर हुए भीषण हमलों की पहली बरसी पर मृतकों को श्रद्धांजलि दी गयी । देश में सबसे भीषण आतंकी हमलों में पिछले साल हुए हमले में 11 भारतीय नागरिक सहित 258 लोगों की मौत हुई थी ।
आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय इस्लामी अतिवादी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के नौ आत्मघाती हमलावरों ने पिछले साल 21 अप्रैल को श्रीलंका में तीन गिरजाघरों और कई आलीशान होटलों को निशाना बनाते हुए विस्फोट किए थे । हमले में 258 लोगों की मौत हो गयी और 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे ।
श्रीलंका पुलिस ने विस्फोट के मामले में 200 से ज्यादा संदिग्धों को गिरफ्तार किया था ।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के बीच श्रीलंका की सरकार ने आतंकी हमलों में जान गंवाने वालों और घायलों की याद में लोगों से मोमबत्ती जलाने को कहा ।
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अपने शोक संदेश में कहा कि एक साल पहले आतंकी हमले को याद करते हुए वह बहुत दुखी महसूस कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने सभी नागरिकों से मारे गए, घायल हुए श्रीलंकाई लोगों और विदेशी नागरिकों की याद में मोमबत्ती जलाकर एक मिनट का मौन रखने को कहा ।
प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंका को दहलाने वाले सबसे भीषण आत्मघाती हमले को आज एक साल हो गया है, जिसमें बेकसूर लोगों की जान गयी थी ।
उन्होंने कहा कि हम मृतकों और घायलों तथा अभी भी सदमे से उबर रहे परिवारों को याद कर रहे हैं , लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना है कि श्रीलंका में इस तरह के कायराना हमले फिर ना हों।
महिंदा ने कहा कि एक मित्र देश की खुफिया सेवा ने श्रीलंका की तत्कालीन सरकार को संभावित हमलों, इसमें संलिप्त आतंकवादियों की पहचान आदि के बारे में बताकर आगाह किया था। हमलों को रोका जा सकता था ।
पिछले सप्ताह भी हमलों के संबंध में दो गिरफ्तारी हुई थी।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 20 मार्च से ही देश में 24 घंटे का कर्फ्यू लगा हुआ है । श्रीलंका में कोरोना वायरस के 295 मामले सामने आए हैं । संक्रमण से सात लोगों की मौत हो चुकी है और 96 लोग उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं । देश में 11 मार्च को संक्रमण का पहला मामला सामने आया था ।
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