मुंबई, 23 अप्रैल : शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कथित फोन-टैपिंग मामले में गिरफ्तारी के डर से शिवसेना को विभाजित करने की योजना बनाई. राउत ने दावा किया कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि नयी सरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ बंद किए गए मामलों की जांच करेगी. राउत ने कहा कि जब 2019 से 2022 तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन सत्ता में था, तब भाजपा नेताओं प्रवीण दरेकर, प्रसाद लाड, आशीष शेलार और गिरीश महाजन के खिलाफ विभिन्न मामलों में जांच जारी थी.
उन्होंने कहा, ‘‘(यदि) आप हमारे नेताओं को गिरफ्तार कर सकते हैं, तो क्या हम आपके राजनीतिक दल के नेताओं को नहीं छू सकते. देवेंद्र फडणवीस पर विरोधियों के फोन टैप कराने का गंभीर आरोप लगा. उन्होंने इस डर से शिवसेना को विभाजित करने की योजना बनाई कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है और दोषी ठहराया जा सकता है.’’ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में जून 2022 में पार्टी के अधिकतर विधायकों द्वारा पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह किए जाने के बाद शिवसेना विभाजित हो गई थी. निर्वाचन आयोग के साथ-साथ राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने भी शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उसे ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित किया गया. यह भी पढ़ें :लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी का अभियान तेज होगा: नड्डा
फडणवीस 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री थे. उन्होंने गृह विभाग भी संभाला था. उस समय राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) की प्रमुख रश्मि शुक्ला पर विपक्षी नेताओं के फोन अवैध रूप से टैप करने का आरोप लगाया गया था. बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में शुक्ला के खिलाफ दो प्राथमिकियां रद्द कर दी थीं. वह इस समय राज्य की पुलिस महानिदेशक हैं.