जरुरी जानकारी | जुलाईृ-अगस्त में एक आईईसी पर 1.66 करोड़ रुपये का ही निर्यात समानीकरण लाभः डीजीएफटी

नयी दिल्ली, 10 जुलाई वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि एक जुलाई से 31 अगस्त की अवधि के लिए ब्याज समानीकरण की सीमा प्रति आयात-निर्यात कोड (आईईसी) 1.66 करोड़ रुपये तय की जाएगी।

आयातक-निर्यातक कोड एक कारोबारी पहचान संख्या है जो भारत से निर्यात या देश में आयात के लिए अनिवार्य होता है।

पिछले महीने सरकार ने देश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यात के पहले और बाद में रुपया निर्यात ऋण पर देय ब्याज समानीकरण योजना (आईईएस) को दो महीने के लिए बढ़ा दिया था।

निर्यातकों को ब्याज लाभ मुहैया कराने वाली यह योजना इस साल 30 जून को समाप्त होने वाली थी। लेकिन अब इसे 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा कि यह विस्तारित योजना केवल सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) विनिर्माता निर्यातकों पर ही लागू है। वे तीन प्रतिशत के आईईएस लाभ के लिए पात्र हैं।

डीजीएफटी ने कहा, ‘‘एक जुलाई से 31 अगस्त तक की अवधि के लिए प्रति आईईसी ब्याज समानीकरण 1.66 करोड़ रुपये तक सीमित रहेगी।’’

कोई भी फर्म आईईसी लिए बगैर निर्यात या आयात नहीं कर सकती है, जबतक कि उसे खासतौर पर छूट न दी गई हो।

प्रेम

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)