नयी दिल्ली, 30 जनवरी दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले के तहत धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार कारोबारी अमित अरोड़ा की दो सप्ताह की अंतरिम जमानत सोमवार को मंजूरी कर ली।
विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने ‘बडी रिटेल’ के निदेशक अरोड़ा को ‘‘मानवीय आधार’’ पर राहत दी क्योंकि उसकी पत्नी को पित्ताशय की पथरी निकालने के लिए ऑपरेशन कराना है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इस याचिका को तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता को ध्यान में रखते हुए स्वीकार किया जाता है और आरोपी अमित अरोड़ा को दो सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी जाती है।’’
अदालत ने अरोड़ा की ओर से पेश हुए वकील उज्ज्वल आनंद शर्मा द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश दिया, जिसमें आठ सप्ताह की अवधि के लिए अंतरिम जमानत दिए जाने का अनुरोध किया गया था।
अदालत ने आरोपी को निर्देश दिया कि वह तब तक ‘‘दिल्ली-एनसीआर की सीमा से बाहर नहीं जाएगा, जब तक उसकी पत्नी के इलाज के संबंध में यह आवश्यक न हो।’’
अदालत ने दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत देने की शर्त पर याचिका स्वीकार कर ली और याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह सबूतों को ‘‘नष्ट या उनसे छेड़छाड़’’ नहीं करेगा या मामले के किसी भी गवाह को प्रभावित ‘‘नहीं करेगा।’’
अदालत ने कहा कि अगर उसकी पत्नी का ऑपरेशन निर्धारित समय के अनुसार एक फरवरी को नहीं होता है, तो वह अगले दिन संबंधित जेल अधीक्षक के सामने आत्मसमर्पण करेगा और ऑपरेशन की तिथि के पुनर्निर्धारण के बाद नए सिरे से अंतरिम जमानत का अनुरोध करेगा।
प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि दिल्ली की आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। उसका कहना है कि लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया और एल-1 लाइसेंस सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के दिया गया।
लाभार्थियों ने आरोपी अधिकारियों को ‘‘अवैध’’ लाभ पहुंचाया और अनियमितता का पता लगाने से बचने के लिए अपने खाते की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां कीं।
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