नयी दिल्ली, 29 सितम्बर आईसीएमआर के दूसरे सीरो सर्वे के अनुसार अगस्त 2020 तक दस साल और इससे ऊपर के 15 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति के सार्स-सीओवी2 की चपेट में होने का अनुमान है जो काफी आबादी के अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित होने की आशंका दर्शाता है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दूसरे सीरो सर्वे के निष्कर्षों को मंगलवार को जारी किया गया।
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आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रव्यापी सीरो सर्वे को पेश करते हुए कहा कि 17 अगस्त से 22 सितम्बर तक 29,082 लोगों (10 वर्ष और इससे अधिक) पर सर्वे किया गया जिसमें 6.6 प्रतिशत में सार्स-सीओवी2 की चपेट में आ चुके होने के लक्षण दिखाई दिये और 7.1 प्रतिशत वयस्क आबादी (18 साल और इससे अधिक) में भी इसकी चपेट में आने के पूर्व के लक्षण दिखाई दिये।
उन्होंने बताया कि दूसरा सीरो सर्वे काफी आबादी के अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित होने की आशंका दर्शाता है।
उन्होंने दूसरे सीरो सर्वे के हवाले से बताया, ‘‘ शहरी मलिन बस्तियों (15.6 प्रतिशत), गैर-मलिन बस्तियों (8.2 प्रतिशत) क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों (4.4 प्रतिशत) की तुलना में सार्स-सीओवी2 का प्रसार अधिक है।’’
भार्गव ने बताया, ‘‘अगस्त 2020 तक दस साल और इससे ऊपर के 15 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति के सार्स-सीओवी2 की चपेट में होने का अनुमान था।’’
दूसरा सीरो सर्वे 21 राज्यों के 70 जिलों के उन्हीं 700 गांवों और वार्ड में किया गया जहां पहला सर्वे किया गया था।
दूसरे सीरो सर्वे में मई की तुलना में अगस्त में संक्रमण के कम मामले देश में जांच और मामलों का पता लगाने में पर्याप्त रूप से तेजी को दिखाते हैं।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में प्रति दस लाख की आबादी पर कोविड-19 के 4,453 मामले हैं और मौत के 70 मामले हैं, जो दुनिया में सबसे कम हैं।
नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने लोगों से कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह करते हुए कहा कि लापरवाही बरतने का कोई कारण नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें मास्क पहनकर पूजा, छठ, दिवाली और ईद मनाने की आवश्यकता है, इसे ध्यान में रखना बहुत महत्वपूर्ण है। हमने दूसरी बार दिल्ली, केरल और पंजाब में कोरोना वायरस के बढते मामलों को देखा है और इसलिए हमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए और कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।’’
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