मुंबई, 24 फरवरी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय से कवि वरवर राव और दो अन्य सक्रियता वादियों की एक याचिका खारिज करने का आग्रह किया। दरअसल, यचिका के जरिए उच्च न्यायालय के पहले के उस आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया है जिसके तहत उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
एनआईए ने अपने हलफनामे में कहा है कि आरोपी पुनर्विचार की आड़ में जमानत का अनुरोध कर रहे हैं और यह कानून प्रक्रिया का दुरूपयोग है तथा एक गलत उदाहरण स्थापित करता है।
जांच एजेंसी ने तीन सक्रियतावादियों--वरवर राव, अरूण फरेरा और वर्णन गोंजाल्वेस--की एक पुनर्विचार याचिका के जवाब में अपना हलफनामा दाखिल किया है।
राव, इस वक्त मेडिकल आधार पर जेल से बाहर हैं जबकि दो अन्य आरोपी जेल में हैं।
एनआईए ने कहा कि चूंकि याचिका के जरिये आरोपी, रिकार्ड के सत्यापन और मामले की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी में बदलाव कराना चाहते हैं।
एजेंसी ने कहा, ‘‘एक बार जब विषय पर निर्णय सुना दिया गया है तो वादी पुनर्विचार की आड़ में इसके (जमानत के) लिए अनुरोध नहीं कर सकते। ’’
उल्लेखनीय है कि सक्रियतावादियों ने न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा एक दिसंबर 2021 को जारी उस आदेश को चुनौती दी है, जिसके तहत मामले में सह आरोपी अधिवक्ता सुधा भारद्वाज को जमानत दी गई थी लेकिन तीनों याचिकाकर्ताओं सहित कुछ अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
उस वक्त, अदालत ने कहा था कि भारद्वाज को छोड़ कर अन्य आरोपियों ने निर्धारित समय के अंदर निचली अदालत में जमानत अर्जी नहीं लगाई थी।
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