नयी दिल्ली, एक नवंबर देश में बिजली की खपत अक्टूबर में एक साल पहले की तुलना में 1.64 प्रतिशत बढ़कर 114.64 अरब यूनिट हो गई। एक सरकारी आंकड़े में यह जानकारी दी गई।
इस महीने अप्रत्याशित ढंग से भारी बारिश होने से तापमान में कमी आने से बिजली की जरूरत कम पड़ी। इस वजह से अक्टूबर में बिजली की मांग अपेक्षाकृत सुस्त रफ्तार से बढ़ी।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में देश के उत्तरी राज्यों में ठंड बढ़ने से बिजली की मांग में तेजी आएगी। सर्दियों के मौसम में घरों को गर्म करने और रबी फसल सत्र में आर्थिक गतिविधियों में सुधार होने से एक बार फिर बिजली की खपत बढ़ेगी।
दरअसल, फसलों की बुवाई एवं सिंचाई के लिए किसान ट्यूबवेल का इस्तेमाल करते हैं जिसके लिए बिजली की जरूरत पड़ती है।
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर, 2022 में बिजली की खपत 114.64 अरब यूनिट रही जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 112.79 अरब यूनिट थी। वहीं अक्टूबर, 2020 में 109.17 अरब यूनिट बिजली की खपत हुई थी।
इस महीने में एक दिन की सबसे ज्यादा बिजली आपूर्ति 186.90 गीगावॉट रही। एक साल पहले यह 174.44 गीगावॉट रही थी।
जानकारों का कहना है कि अक्टूबर के महीने में बिजली की खपत में मामूली बढ़त होने को आर्थिक गतिविधियों में नरमी का संकेत नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खपत में आंशिक वृद्धि की वजह अक्टूबर में कई दिनों तक देश के कई इलाकों में लगातार बारिश होने से तापमान में नरमी रही जिससे लोगों को बिजली-चालित उपकरणों की जरूरत कम पड़ी।
प्रेम
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