देश की खबरें | ईडी ने मप्र परिवहन विभाग के पूर्व अधिकारी, उसके सहयोगियों की 33 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाया

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति (डीए) अर्जित करने से जुड़े धनशोधन की जांच के तहत मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के एक पूर्व अधिकारी एवं उनके सहयोगियों के खिलाफ छापेमारी के दौरान करीब 33 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं।

संघीय एजेंसी ने इस मामले में 27 दिसंबर को राज्य परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा, उनके ‘सहयोगी’ चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल तथा रोहित तिवारी सहित कुछ अन्य लोगों के खिलाफ राज्य की राजधानी भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में करीब आठ परिसरों में छापेमारी की थी।

ईडी ने एक बयान में कहा कि ये लोग या तो ‘‘अपराध की आय के संदिग्ध लाभार्थी थे या कथित तौर पर उसके धनशोधन में सहायक थे।’’

धनशोधन का मामला मध्य प्रदेश सरकार की लोकायुक्त पुलिस द्वारा शर्मा के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने (शर्मा ने) ‘‘अपने परिवार के सदस्यों और संबंधित फर्म और कंपनियों के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है, जो आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है’’।

संघीय एजेंसी ने कहा कि तलाशी के दौरान बैंक खातों और संपत्तियों के विवरण की पहचान की गई और विश्लेषण में पाया गया कि शर्मा ने ‘‘अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों और उन कंपनियों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदी हैं, जिनमें उनके करीबी सहयोगी निदेशक थे। ’’

चेतन सिंह गौर के नाम पर छह करोड़ रुपये से अधिक की चल संपत्ति (सावधि जमा) की पहचान की गई और शर्मा के परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर चार करोड़ रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि पाई गई।

ईडी ने दावा किया कि शर्मा की विभिन्न कंपनियों और परिवार के सदस्यों के नाम पर 23 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्तियों से संबंधित कुछ दस्तावेज अन्य ‘आपत्तिजनक’ दस्तावेजों के साथ मिले हैं।

एजेंसी ने कहा कि शर्मा ने ये संपत्तियां कथित तौर पर राज्य परिवहन विभाग में कांस्टेबल के पद पर काम करने के दौरान भ्रष्ट तरीके से अर्जित ‘अवैध’ धन से खरीदी।

आयकर विभाग ने कुछ समय पहले चेतन सिंह गौर के वाहन से 52 किलोग्राम सोने की छड़ें बरामद की थी।

लोकायुक्त के अनुसार, शर्मा को 2015 में अनुकंपा के आधार पर मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में कांस्टेबल के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने 2023 में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।

लोकायुक्त के अनुसार उनके पिता एक सरकारी डॉक्टर थे, जिनमी मृत्यु 2015 में हो गई थी।

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