जरुरी जानकारी | अर्थव्यवस्था मजबूती के रास्ते पर, संभावनायें हो रही बेहतर: आरबीआई बुलेटिन

मुंबई, 16 सितंबर भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के रास्ते पर है और इसके लिये संभावनाएं काफी उज्ज्वल है। इसका कारण कोविड महामारी की दूसरी लहर का असर कम होना तथा अर्थव्यवस्था का उससे बाहर निकलने के साथ भविष्य के लिये युद्ध स्तर पर तैयारियां हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पत्रिका में यह बात कही गयी है।

पत्रिका के सितंबर अंक में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि सकल मांग में तेजी आ रही है। वहीं आपूर्ति पक्ष की ओर देखा जाए तो आईआईपी (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक) और बुनियादी उद्योग औद्यागिक गतिविधियों में सुधार को प्रतिबिंबित कर रहे हैं। जबकि सेवा क्षेत्र के संकेतक सतत पुनरूद्धार को बता रहे हैं।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबव्रत पात्रा की अगुवाई वाली टीम ने लेख में लिखा है, ‘‘हमारा मानना है कि अगस्त में देश महत्वपूर्ण पड़ाव से गुजरा है तथा सितंबर में यह और सुदृढ़ होगा।’’

इसमें यह भी कहा गया है कि मुद्रास्फीति में वृद्धि की गति धीमी पड़ रही है और यह अनुमान से कहीं ज्यादा अनुकूल है।

लेख में कहा गया है, ‘‘महामारी का प्रभाव कम होने तथा उत्पादकता में वृद्धि के साथ आपूर्ति की स्थिति सुधार से मुख्य मुद्रास्फीति (कोर इनफ्लेशन) नरम होने की उम्मीद है। इससे मौद्रक नीति का रुख और अधिक वृद्धि को गति देने वाला होगा।’’

केंद्रीय बेंक ने हालांकि कहा है कि लेख में अभिव्यक्त विचार लेखकों के हैं और कोई जरूरी नहीं है कि यह आरबीआई के विचारों के अनुरूप हों।

इसमें कहा गया है कि अगस्त महीने में आर्थिक स्थिति पटरी पर लौटती दिखी। इसका कारण महामारी की रोकथाम के लिये लगायी गयी पाबंदियों से विभिन्न क्षेत्रों में ढील दिये जाने तथा टीकाकरण अभियान में तेजी से वृद्धि है।

लेख में लिखा गया है, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये संभावनाएं काफी मजबूत है। इसका कारण कोविड महामारी की दूसरी लहर का असर कम होना तथा अर्थव्यवस्था का उससे बाहर निकलने के साथ भविष्य के लिये युद्ध स्तर पर तैयारियां हैं।’’

सकल मांग के बारे में लेख में लिखा गया है कि ई-वे बिल महामारी-पूर्व फरवरी 2020 की स्थिति से अधिक है। यह आने वाले समय में अधिक जीएसटी संग्रह का संकेत देता है।

इसके अलावा, वाहनों की खुदरा बिक्री बढ़ी है। हालांकि, इसका कारण पिछले साल अगस्त में तुलनात्मक आधार का कमजोर होना भी है। रेलवे माल ढुलाई बेहतर बनी हुई है। साथ ही दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाला क्षेत्र में तेजी है। इतना ही नहीं वस्तु निर्यात का भी प्रदर्शन अच्छा बना हुआ है।

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