जरुरी जानकारी | बीते सप्ताह विदेशी तेलों में गिरावट से तेल-तिलहनों के भाव टूटे

नयी दिल्ली, 12 जून विदेशों में मंदी के रुख के बीच देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में बीते सप्ताह सोयाबीन, सीपीओ, पामोलीन तेल, मूंगफली तेल कीमतों में गिरावट आई, जबकि उपलब्धता की कमी और मांग बढ़ने के कारण सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन एवं मूंगफली तिलहन के साथ-साथ बिनौला तेल के भाव सुधार के साथ बंद हुए। बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे।

बाजार सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह मलेशिया एक्सचेंज के कमजोर रहने से सीपीओ के भाव पूर्व सप्ताहांत के मुकाबले हानि दर्शाते बंद हुए। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा नीचे के भाव पर अपनी उपज नहीं बेचने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन और मूंगफली तिलहन के भाव में मजबूती रही जबकि विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव के टूटने से सोयाबीन एवं मूंगफली तेल के भाव हानि के साथ बंद हुए।

सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक निरंतर घट रही है और समीक्षाधीन सप्ताह में शनिवार को इसकी आवक घटकर लगभग 2.75-3 लाख बोरी रह गई है जबकि देश में सरसों की मांग प्रतिदिन करीब पांच लाख बोरी की है। सरसों की अगली फसल आने में लगभग आठ-साढ़े आठ माह की देर है और बरसात के साथ इस तेल की मांग बढ़ना तय है।

साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने भी हाल में बरसात के दिनों में खाद्य तेलों की मांग बढ़ने की बात कहीं है। सरसों और इसका कोई विकल्प न होने और सभी तेलों में सबसे सस्ता होने के कारण सरसों का रिफाइंड बनाया जा रहा है जिसपर रोक लगाये जाने की जरूरत है। सरसों की चौतरफा मांग होने से सरसों तेल-तिलहन के भाव समीक्षाधीन सप्ताह में लाभ के साथ बंद हुए।

सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में सरकार के एक फैसले में रिफाइनिंग (प्रसंस्करण का काम) नहीं कर सकने वाले आयातकों को आयात करने पर शुल्क में मिलने वाली छूट से वंचित रखा गया है जो उचित नहीं है। केवल तेल रिफाइनिंग कर उपभोक्ताओं को बिक्री करने वालों को आयात पर शुल्क से छूट देना अपेक्षित परिणाम नहीं देगा क्योंकि जब तक अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) व्यवस्था को दुरुस्त नहीं की जाती है, तबतक नये आयातित तेलों को भी मनमाने भाव से बेचने पर कौन अंकुश लगायेगा।

सरसों तेल के मामले में 150-151 रुपये लीटर के थोक भाव पर खरीद करने के बाद उपभोक्ताओं को खुदरा व्यापारी के सारे खर्च और लाभ जोड़कर 155-162 रुपये लीटर के भाव सरसों तेल मिलना चाहिये लेकिन इसके बजाय एमआरपी की आड़ में सरसों तेल 190-210 रुपये लीटर के भाव पर बेचा जा रहा है। सरकार को पहले एमआरपी व्यवस्था को दुरुस्त करने का इंतजाम करना चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि सरकार खाद्य तेलों के स्टॉक रखने की सीमा (स्टॉक लिमिट) लगाती है और बाद में छापेमारी की जाती है लेकिन इन उपायों का कोई स्थायी परिणाम नहीं मिलता है। समस्या की असली जड़ एमआरपी को दुरुस्त करने की पहल होनी चाहिये।

सूत्रों ने बताया कि समीक्षाधीन सप्ताह में मक्का खल का दाम 10 रुपये की मामूली तेजी के साथ 4,010 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ।

सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 75 रुपये सुधरकर 7,515-7,565 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल 200 रुपये सुधरकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 15,300 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 25-25 रुपये सुधरकर क्रमश: 2,395-2,475 रुपये और 2,435-2,540 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं।

सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में किसानों द्वारा नीचे भाव पर अपनी उपज बेचने से बचने के कारण सोयाबीन दाने और लूज के थोक भाव क्रमश: 200-200 रुपये सुधार के साथ क्रमश: 6,950-7,050 रुपये और 6,650-6,750 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

दूसरी ओर समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशों में तेल कीमतों के भाव टूटने से सोयाबीन तेल कीमतें नुकसान के साथ बंद हुईं। सोयाबीन दिल्ली का थोक भाव 100 रुपये की हानि के साथ 16,100 रुपये और सोयाबीन डीगम का भाव 210 रुपये की गिरावट के साथ 14,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं सोयाबीन इंदौर के भाव 15,700 रुपये प्रति क्विंटल पर पूर्ववत बंद हुए।

किसानों द्वारा कम भाव पर बिक्री नहीं करने से मूंगफली तिलहन का भाव 50 रुपये के सुधार के साथ समीक्षाधीन सप्ताह में 6,815-6,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। विदेशों में गिरावट आने से मूंगफली तेल के भाव नरम बंद हुए। पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल गुजरात 70 रुपये की गिरावट के साथ 15,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 15 रुपये टूटकर 2,660-2,850 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में मलेशिया के कमजोर रहने से कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव भी 450 रुपये टूटकर 13,950 रुपये क्विंटल, पामोलीन दिल्ली का भाव 210 रुपये टूटकर 15,650 रुपये और पामोलीन कांडला का भाव 320 रुपये टूटकर 14,380 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल का भाव 200 रुपये मजबूत होकर 15,200 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वैसे बिनौला में कारोबार लगभग खत्म हो चला है।

राजेश

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